पटना पाइरेट्स प्रो कबड्डी इतिहास की सबसे सफल टीमों में से एक रही है। उन्होंने तीन बार खिताब पर कब्जा किया है। तीसरे,चौथे और पांचवे सीजन में पटना ने लगातर तीन साल खिताब जीता। पटना ने फाइनल में जयपुर पिंक पैंथर्स, यू मुंबा और गुजरात फॉर्च्यूनजायंट्स जैसी मजबूत टीमों को शिकस्त दी है।
पटना पाइरेट्स ने पहले दो सीजन में प्ले ऑफ तक का सफर तय किया था। तीसरे सीजन में मनप्रीत सिंह की कप्तानी में टीम ने अपने प्रदर्शन में सुधार किया और नये आयामों को छुआ। टीम में कई युवा खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया।
पिछला सीजन पटना के लिए सही नहीं रहा। स्टार खिलाड़ी परदीप नरवाल का प्रदर्शन एक बार फिर अच्छा तो रहा, लेकिन इस बार वो टीम को प्लेऑफ तक नहीं ले जा पाए थे, क्योंकि उन्हें दूसरे खिलाड़ियों का समर्थन नहीं मिला था।
पटना पाइरेट्स के लिए सीजन 7 की नीलामी कैसी रही?
सात और आठ अप्रैल को हुए ऑक्शन में पाइरेट्स ने इस सत्र के लिए अच्छे खिलाड़ियों पर दांव लगाया है। टीम प्रबंधन ने युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का सही संतुलन बनाया है। दूसरी तरफ उन्होंने परदीप नरवाल, विकास जगलान और जवाहर डागर जैसे खिलाड़ियों को अपने साथ बनाये रखा है।
इसके अलावा उन्होंने जैंग कुंन ली को 40 लाख रुपयों में खरीदा जबकि ईरानी खिलाड़ी मोहम्मद मगसूदलु को 35 लाख रुपयों में अपने साथ शामिल किया। हादी ओस्तोरक को भी पटना ने खरीदा। ईरानी ऑलराउंडर हादी पहले भी इस टीम का हिस्सा रह चुके हैं। अनुभवी डिफेंडर सुरेन्द्र नाडा को टीम ने अपने साथ जोड़कर मास्टरस्ट्रोक लगाया है।
इस सीजन में पटना के लिए क्या गलत हो सकता है?
परदीप नरवाल और जैंग कुंग ली दोनों ही राइट रेडर हैं। इनके अलावा टीम के पास कोई अनुभवी रेडर मौजूद नही है जो कि चिंता का विषय है। इसी तरह की समस्या डिफेंस में भी देखने को मिलती है। सुरेंदर नाडा और जयदीप दोनों ही लेफ्ट कॉर्नर पर खेलते हैं जबकि पिछले सीजन में राइट कॉर्नर पटना के लिए सिर दर्द बना हुआ था हालांकि इस बार हादी के ऊपर राइट कॉर्नर की जिम्मेदारी मिली है।
पटना की पूरी टीम:
रेडर्स: परदीप नरवाल, जैंग कुन ली, पूर्ण सिंह, मोहम्मद मगसूदलु, नवीन, मोहित और आशीष।
डिफेंडर: सुरेंद्र नाडा, नीरज कुमार, जयदीप, जवाहर डागर, बिटू नरवाल और महेंद्र चौधरी।
ऑलराउंडर: हादी ओस्तोरक, रविंदर और विकास जगलान।