जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में गुरुवार को खेले गए मुकाबले में पटना पाइरेट्स को दबंग दिल्ली से हार का सामना करना पड़ा। एक समय पटना की टीम 6 प्वॉइंट से आगे थी लेकिन दिल्ली के लिए विजय ने एक ही रेड में 5 प्वॉइंट लाकर पटना की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। पटना के लिए परदीप नरवाल ने 19 प्वॉइंट लिए और वो पीकेएल इतिहास में 1100 प्वॉइंट लेने वाले पहले खिलाड़ी भी बने, बावजूद इसके उनकी टीम को हार का सामना करना पड़ा। पटना की टीम इस वक्त 9वें पायदान पर है और प्लेऑफ की रेस से लगभग बाहर हो चुकी है।
मैच के बाद परदीप नरवाल ने स्पोर्ट्सकीड़ा के साथ खास बातचीत की और बताया कि इस सीजन क्या कमियां रह गई।
इस सीजन ऐसी क्या गलतियां हुईं जिसकी वजह से पटना पाइरेट्स की टीम इस वक्त प्लेऑफ से बाहर होने की कगार पर खड़ी है ?
परदीप नरवाल: इस सीजन हमारी लगातार हार का कारण डिफेंस का खराब प्रदर्शन रहा है। मैच दर मैच डिफेंस ने अपने खेल से निराश किया। खासकर आखिर के मिनटों में डिफेंस में कई सारी गलतियां हुई हैं। उसके बाद रेडर्स भी आउट हो जाते हैं। यही वजह है कि आज हम इस पोजिशन में हैं।
बीच में पटना पाइरेट्स ने लगातार 3 मैच जीते, उस मैच में ऐसी क्या अलग रणनीति थी जिससे टीम को जीत मिली ?
परदीप नरवाल: उन 3 मैचों में हमारे डिफेंस ने बेहतरीन खेल दिखाया था। जिस भी टीम का डिफेंस अच्छा खेलेगा वो टीम जरुर बेहतरीन प्रदर्शन करेगी। रेडर्स प्वॉइंट ला सकते हैं लेकिन मैच डिफेंडर्स ही जिता सकते हैं।
प्रो कबड्डी लीग में आपके 1100 प्वॉइंट पूरे हो चुके हैं, आप अपने प्रदर्शन को किस तरह देखते हैं ?
परदीप नरवाल: इतने बड़े रिकॉर्ड का कोई मतलब नहीं रह जाता है, जब आपकी टीम हार रही हो। हर खिलाड़ी मैच जीतने के लिए खेलता है, इसलिए रिकॉर्ड कोई मायने नहीं रखते जीत सबसे ज्यादा जरुरी होती है। हालांकि अगर मुझे इतने प्वॉइंट मिले हैं तो अच्छी बात है।
आप जिस भी शहर में जाते हैं वहां आपको काफी सपोर्ट मिलता है, इससे कितना फर्क पड़ता है ?
परदीप नरवाल: इससे बहुत फर्क पड़ता है। जब स्टेडियम में किसी प्लेयर के नाम के नारे लगते हैं और उसे फैंस का इतना सपोर्ट मिलता है तो उस रेडर का आत्मविश्वास काफी बढ़ जाता है और वो खुलकर खेलता है।
आपके 3 मैच इस सीजन और बचे हैं, उसमें क्या रणनीति रहेगी ?
परदीप नरवाल: हमारी कोशिश रहेगी कि हम उन 3 मैचों में जीत हासिल करेंगे, ताकि सीजन का समापन अच्छे तरीके से कर सकें।