PKL 9: प्रो कबड्डी लीग (Pro Kabaddi League, PKL) नौवें सीजन के लिए सभी टीमों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं और अभी से ही सभी टीमों के कोच अपना संयोजन बनाने लगे होंगे। नीलामी में लगभग सभी टीमों ने अपनी जरूरत के हिसाब से खिलाड़ी खरीदे थे, लेकिन इसके बावजूद कुछ टीमें कमजोर दिखाई दे रही हैं।
भले ही सीजन की शुरुआत अब तक नहीं हुई है, लेकिन कुछ ऐसी टीमें हैं जिनका प्लेऑफ में जाना कठिन नजर आ रहा है। एक नजर डालते हैं उन 3 टीमों पर जिनका इस सीजन प्लेऑफ में जाना कठिन है।
#1 Pro Kabaddi League, PKL 9 के प्लेऑफ में यू मुंबा का जाना कठिन
यू मुंबा ने इस सीजन के लिए काफी युवा टीम तैयार की है और ऐसे में उनके लिए प्लेऑफ का टिकट हासिल करना कठिन हो सकता है। मुंबई की रेडिंग में कोई बड़ा नाम दिखाई नहीं दे रहा है उन्होंने युवा रेडर गुमान सिंह को करोड़पति तो बनाया है, लेकिन इस बात की गारंटी नहीं है कि गुमान अकेले दम पर टीम को मैच जिता सकेंगे। डिफेंस में भी टीम के पास चुनिंदा अनुभवी खिलाड़ी ही मौजूद हैं। कुल मिलाकर कागज पर टीम बहुत मजबूत नहीं दिखाई दे रही है और इसी वजह से उनके लिए प्ले-ऑफ में पहुंचना मुश्किल होगा।
#2 Pro Kabaddi League, PKL 9 में मुश्किल में पड़ सकती है तमिल थलाइवाज
तमिल थलाइवाज ने पवन सेहरावत को खरीदने के लिए 2.26 करोड़ रुपये खर्च कर दिए थे और उन्हें लीग इतिहास का सबसे महंगा खिलाड़ी बनाया था। हालांकि, इसके बावजूद थलाइवाज को प्लेऑफ में जाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है। इसका मुख्य कारण यह है कि टीम में पवन के अलावा कोई भरोसेमंद रेडर नहीं है। यदि किसी मैच में पवन फ्लॉप हुए या सीजन के बीच में उन्हें चोट लगी तो फिर टीम के लिए मैच जीत पाना काफी कठिन हो जाएगा। टीम पूरी तरह से पवन के ऊपर निर्भर करने वाली है और इसी वजह से हो सकता है उनके लिए प्ले-ऑफ में जगह बनाना थोड़ा मुश्किल रहेगा।
#3 बेंगलुरु बुल्स के लिए भी आसान नहीं रहेगा सीजन
बेंगलुरु बुल्स ने पवन को जाने दिया था और उनकी जगह विकास कंडोला को बड़ी कीमत में खरीदा था। विकास के ऊपर बड़े दाम का दबाव जाहिर तौर पर रहने वाला है और यदि वह इस दबाव को नहीं झेल पाए तो इसका खामियाजा टीम को भुगतना पड़ेगा। बेंगलुरु ने पिछले सीजन की डिफेंस को रिटेन किया है और इस सीजन भी उन्हें डिफेंस से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीदें होंगी। हालांकि, टीम को रेडिंग में समस्या देखने को मिल सकती है। दूसरी टीमों की तुलना में उनके लिए प्ले-ऑफ की राह थोड़ी मुश्किल हो सकती है।