प्रो कबड्डी के नियम / रूल्स | Pro Kabaddi rules in Hindi | PKL rules

Last Modified Jun 24, 2019 10:49 IST

कबड्डी को भारत में फिर से जीवित करने और इस खेल का रोमांच देश के लोगों के दिलों में भरने में प्रो-कबड्डी लीग ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रो-कबड्डी लीग के पांच संस्करणों से देखा जा रहा है कि इसकी लोकप्रियता हर बार बढ़ती ही जा रही है। इस लीग ने कबड्डी के प्रशंसकों की संख्या बढ़ा दी है। हालांकि, दर्शकों का एक बड़ा वर्ग इसके आधुनिक नियमों से परिचित नहीं है। कबड्डी के रोमांच को देखने के बाद जो नए प्रशंसक इससे जुड़े हैं, वो इसके नए नियमों से अनजान हैं। ऐसे ही कबड्डी के चाहनेवालों को हम उन नियमों से वाकिफ करवा रहे हैं, जो इस लीग में लागू किए जाते हैं।


विकल्प:

- कबड्डी दो टीमों के बीच खेला जाता है, जिसमें प्रत्येक टीम में सात खिलाड़ी होते हैं। खेल का उद्देश्य सबसे अधिक अंक स्कोर करना है और ऐसा करने वाली टीम जीत जाती है। खेल दो पहलुओं में विभाजित होता है। पहला हमला करना और दूसरा बचाव करना।


- आक्रमण और बचाव के दौरान अंक बनाए जा सकते हैं। आक्रमण के दौरान जाने वाले खिलाड़ी को रेडर कहते हैं, जो विपक्षी खेमे में प्रवेश करता है। उसे बचाव रक्षकों को छूते हुए और बिना अपनी सांस तोड़े हुए वापस अपने खेमे में आना होता है। इस दौरान वह एक या एक से ज्यादा रक्षकों को छू सकता है। बचाव करने वाली टीम के कितने खिलाड़ियों को छुआ, उसी के हिसाब से अंक मिलते हैं। ऐसे में बचाव करने वाली टीम के छूने वाले खिलाड़ी अस्थायी रूप से बाहर हो जाते हैं।


- इसी तरह बचाव दल रेडर को टीम के रक्षकों को छूने से रोकने के लिए अपने आधे हिस्से में लाता है और उसके बाद उससे बाहर न जाने के लिए पकड़ता है। रेडर को उसके पाले में जाने से रोकने पर बचाव करने वाली टीम को एक प्वाइंट मिलता है। ऐसे में वह अपने पुराने खिलाड़ी को उसकी मदद से वापस बुला सकता है। हर कबड्डी खेल की समयसीमा 40 मिनट होती है, जिसे प्रत्येक 20 मिनट के दो हिस्सों में विभाजित किया जाता है।


नियम और रेडिंग:

- एक रेड तभी मान्य होती है, जब रेडर कम से कम एक पैर के साथ बाउल रेखा को पार करता है, जबकि दूसरा पैर हवा में होता है।


- विपक्षी खेमे में जाने से पहले रेडर को कबड्डी-कबड्डी बोलते रहना पड़ता है। वह कबड्डी-कबड्डी बोलना अपने पाले में आकर रोक सकता है। अगर वह बोलने से रुकता है तो रेडर को अपने पाले में बिना कोई अंक अर्जित किए वापस आना होता है।


- रेडर को उसके अंगों और धड़ के अलावा किसी अन्य चीज से नहीं पकड़ा जा सकता है। इसका अधिकारी खासतौर पर ध्यान रखते हैं।


- प्लेयर कोर्ट से बाहर नहीं जा सकते हैं। ऐसा करने से एक अंक का नुकसान हो सकता है। इसके अलावा, एक खास क्षेत्र होता है, जिसे लॉबी कहा जाता है। यह तभी सक्रिय होता है, जब रेडर ने किसी विपक्षी खिलाड़ी को छुआ हो।


- बिना अंक अर्जित करने वाली रेड एक बार में एक ही की जा सकती है। ऐसा लगातार दो बार करने पर आक्रमण करने वाली टीम का अगला रेड डू ऑर डाई होता है। अगर वो एक अंक हासिल करने में नाकाम रहते हैं तो विपक्षी टीम को एक अंक मिल जाता है।


तकनीकी नियम:

नॉकआउट, सेमीफाइनल या फाइनल के दौरान टैग और टच को चुनौती देने के लिए एक असफल रेफरल का मौका दिया जाता है, जो कि टीवी रीप्ले पर आधारित होता है। हालांकि, अंतिम निर्णय अंपायर द्वारा ही दिया जाता है।


हर टीम प्रत्येक हाफ में एक इन-प्ले कोच परामर्श की हकदार है। परामर्श का अधिकतम समय 20 सेकेंड होता है या जब तक रेड खत्म नहीं होते या जो भी पहले उसे पूरा कर लेता है।


व्यक्तिगत पुरस्कार:

ग्रीन स्लीव: प्रति मैच में अंक हासिल करने के आधार पर शीर्ष रेडर बनता है।

सैफरॉन स्लीव: प्रति मैच हासिल करने वाले अंकों के आधार पर शीर्ष रक्षक बनता है।


नियम और अतिरिक्त अंक:

बोनस लाइन: बोनस लाइन केवल तभी सक्रिय होती है, जब बचाव दल में कम से कम 6-7 खिलाड़ी हों। हमले में अगर रेडर बोनस लाइन पार करने में सफर रहता है तो उसे एक अतिरिक्त अंक मिलेगा।


ऑल आउट: यदि किसी टीम के सभी खिलाड़ियों को छूकर आउट किया जाता है तो विरोधी टीम दो अतिरिक्त अंक अर्जित करती है।


सुपर टैकल या कैच: यदि बचाव दल के चार से कम खिलाड़ी रेडर को पकड़कर आउट कर दें तो इसे सुपर टैकल कहा जाता है। इस पर बचाव दल को एक अतिरिक्त अंक मिलता है।