Saina Nehwal Statement on Cricket : भारत की बैडमिंटन स्टार और ओलंपिक मेडलिस्ट साइना नेहवाल ने ओलंपिक खेलों को महत्व नहीं दिए जाने को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि भारत में स्पोर्ट का क्लचर नहीं है। यहां पर लोग सिर्फ और सिर्फ क्रिकेट को पसंद करते हैं। साइना के मुताबिक ओलंपिक गेम क्रिकेट से काफी ज्यादा मुश्किल होते हैं लेकिन इसके बावजूद देश में जितनी अहमियत क्रिकेटर्स को मिलती है, उतना महत्व बाकी खेलों के खिलाड़ियों को नहीं मिलता है।
दरअसल हाल ही में भारत ने टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीता था। इसके बाद देशभर में जश्न का माहौल देखने को मिला था। जीत के बाद जब टीम इंडिया घर लौटी तो फिर मुंबई में विक्ट्री परेड का आयोजन किया गया, जिसमें लाखों की संख्या में भीड़ उमड़ी। ऐसे में दूसरे खेलों के खिलाड़ी इस बात से निराश हैं कि जब वो कोई बड़ा इवेंट जीतते हैं तो फिर उन्हें इतना मान-सम्मान नहीं मिलता है। कुछ दिनों पहले भारत के बैडमिंटन खिलाड़ी चिराग शेट्टी ने इस मुद्दे को उठाया था और अब साइना नेहवाल ने भी यही बात कही है।
"भारत में सिर्फ क्रिकेटर्स को लोग सुपरस्टार समझते हैं"
साइना नेहवाल के मुताबिक ओलंपिक का मेडल जीतना ज्यादा मुश्किल होता है लेकिन ज्यादा तवज्जो लोग क्रिकेट को ही देते हैं। उन्होंने कहा,
लोगों को आज यह पता है कि साइना नेहवाल, मीरबाई चानू और नीरज चोपड़ा जैसे खिलाड़ी क्या कर रहे हैं? ऐसा इसलिए है, क्योंकि हमने लगातार बेहतर प्रदर्शन किया है और सुर्खियों में रहे हैं। इसी वजह से लोग हमें जानते हैं। भारत में स्पोर्ट का कल्चर नहीं है और मैंने यहां पर ऐसा कर दिखाया। इसी वजह से कभी-कभी मुझे यह एक सपने के जैसा लगता है। कभी-कभी ये चीज देखकर काफी दुख होता है कि क्रिकेट को हमारे देश में इतनी अहमियत मिलती है। जबकि ताकत के लिहाज से टेनिस, बास्केटबॉल और बैडमिंटन ज्यादा मुश्किल खेल हैं। शटल उठाने के बाद आपके सिर्फ 20 सेकेंड का समय होता है। जबकि क्रिकेट में ताकत से ज्यादा स्किल की जरुरत होती है। अन्य खेलों में प्लेयर इंजरी के बावजूद खेलते हैं। सात्विक-चिराग ने टेप लगाकर खेला था और भारत को मेडल दिलाया। उन्हें भी सुपरस्टार्स की तरह देखा जाना चाहिए। नहीं तो देश स्पोर्टिंग नेशन नहीं बन पाएगा।