IOA On Vinesh Phogat Weight Controversy : विनेश फोगाट मामले को लेकर अभी तक पेरिस ओलंपिक के खेल पंचाट न्यायालय का फैसला नहीं आया है। दोनों ही तरफ से सुनवाई पूरी हो चुकी है और केवल डिसीजन आना बाकी है। हालांकि इससे पहले भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) के एक बयान ने खलबली मचा दी है। इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन के इस बयान से विनेश फोगाट को झटका भी लग सकता है।
विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक के दौरान 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कैटगरी में हिस्सा लिया था। इसमें उनका प्रदर्शन भी काफी अच्छा रहा था। उन्होंने एक ही दिन में तीन मुकाबले जीते थे और गोल्ड की प्रबल दावेदार थीं। हालांकि फाइनल मुकाबले वाले दिन उन्हें अयोग्य करार दे दिया गया था। उनका वजन 100 ग्राम ज्यादा पाया गया था और इसी वजह से विनेश को डिस्क्वालीफाई कर दिया गया था और उनसे मेडल भी छीन लिया गया था। अब इस मामले को लेकर खेल पंचाट न्यायालय यानि सीएएस में सुनवाई चल रही है।
विनेश फोगाट मामले पर IOA का बयान
विनेश फोगाट मामले को लेकर 13 अगस्त को रात 9:30 बजे फैसला आना है लेकिन उससे पहले ही इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन का एक बयान सुर्खियों में है। आईओए ने विनेश फोगाट को उनके बढ़े हुए वजन के लिए जिम्मेदार ठहराया है। आईओए की प्रेसिडेंट पीटी ऊषा ने कहा,
कुश्ती, मुक्केबाजी और जूडो जैसे खेलों में अपने वजन पर कंट्रोल करना एथलीट और उनके कोच की जिम्मेदारी होती थी, ना कि आईओए द्वारा नियुक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनशॉ पारदीवाला और उनकी टीम की। पेरिस ओलंपिक में हर एक इंडियन एथलीट के पास अपनी सपोर्ट टीम थी, जो उनके साथ कई साल से लगातार काम कर रही थी। आईओए ने कुछ ही महीने पहले मेडिकल टीम की नियुक्ति की थी, ताकि खिलाड़ियों की इंजरी और रिकवरी को मैनेज किया जा सके। इसके अलावा जिन एथलीट्स के पास अपने फिजियोथैरेपिस्ट और न्यूट्रिशियंस नहीं थे, उनको सपोर्ट करने के लिए भी यह टीम थी। आईओए की मेडिकल टीम के खिलाफ इतना गुस्सा ठीक नहीं है।
आपको बता दें कि पीटी ऊषा के इस बयान की आलोचना भी की जा रही है। कई लोगों का मानना है कि खेल पंचाट का फैसला आने से पहले पीटी ऊषा को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए था।