Lovlina Borgohain Medal Hopes Shattered : पेरिस ओलंपिक 2024 में मुक्केबाजी के इवेंट में भारत की चुनौती समाप्त हो गई है। लवलीना बोरगोहेन को वुमेंस 75 किलोग्राम कैटेगरी के क्वार्टरफाइनल मैच में हार का सामना करना पड़ा। लवलीना पेरिस ओलंपिक में एकमात्र भारतीय मुक्केबाज बची थीं और सारी उम्मीदें उनसे थीं। हालांकि उनकी हार के साथ बॉक्सिंग में भारत की चुनौती भी समाप्त हो गई है।
लवलीना बोरगोहेन ने काफी अच्छा खेल पेरिस ओलंपिक के दौरान दिखाया था और क्वार्टफाइनल में पहुंची थीं। नॉकआउट में उनका सामना चीन की ली कियान से हुआ, जिसमें उन्हें 4-1 से हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने एक राउंड तो जीता लेकिन बाकी राउंड में उन्हें शिकस्त मिली। इसी वजह से अब लवलीना का मेडल जीतने का सपना टूट गया है।
बॉक्सिंग में भारत को नहीं मिला एक भी मेडल
बॉक्सिंग में इस बार भारत को काफी उम्मीदें थीं। कुल मिलाकर 6 बॉक्सर्स ने मेंस और वुमेंस कैटेगरी में हिस्सा लिया था लेकिन कोई भी मेडल नहीं जीत सका। सबसे बड़ी हार निखत जरीन के रूप में मिली थी। उन्हें राउंड ऑफ 16 में हार का सामना करना पड़ा था। निखत बॉक्सिंग की पूर्व महिला वर्ल्ड कप चैंपियन रह चुकी हैं। वह साल 2022 में वर्ल्ड नंबर 1 महिला बॉक्सर भी बनीं थी। इसी वजह से उनका पेरिस ओलंपिक में मेडल ना जीत पाना भारत के लिए बड़ा झटका था।
इसके अलावा अमित पंघाल और निशांत देव को भी हार का सामना करना पड़ा। निशांत देव के मुकाबले को लेकर काफी विवाद भी हुआ और जजों के ऊपर बेईमानी के आरोप लगे। निशांत देव को मेंस बॉक्सिंग के क्वार्टरफाइनल मैच में मैक्सिको के मार्को वर्डे से हार का सामना करना पड़ा। पहला राउंड निशांत देव ने अपने नाम किया था और भारतीय मुक्केबाज का पलड़ा भारी रहा। हालांकि, वर्डे ने वापसी करते हुए दूसरा राउंड अपने नाम कर लिया और फिर तीसरे राउंड में अपना दबदबा बनाए रखा और अंत में मुकाबला अपने नाम कर लिया। हालांकि जजों ने जो फैसला दिया, उसके खिलाफ काफी रिएक्शन देखने को मिले।
मुक्केबाजी में भारत को मेडल ना मिलना काफी निराशाजनक है। इससे भारत के 10 मेडल तक पहुंचने की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है।