First Athlete to Win Medal in Paralympics for India: पेरिस ओलंपिक 2024 भारत के लिए कुछ खास नहीं रहा। इस ओलंपिक में भारत का अभियान छह मेडल के साथ समाप्त हुआ, जो टोक्यो 2020 के रिकॉर्ड से एक मेडल कम है। अब पेरिस में पैरालंपिक की बारी है। इन खेलों की शुरुआत 28 अगस्त से होने जा रही है, जो आठ सितंबर तक खेले जाएंगे। बता दें, पैरालंपिक खेलों में डिसेबल्ड खिलाड़ी भाग लेते हैं। पिछला पैरालंपिक भारत के लिए काफी खास रहा था। भारतीय पैरालंपियन खिलाड़ियों ने कुल 19 मेडल जीतकर इतिहास रच दिया था। लेकिन क्या आप जानते हैं, इन खेलों में भारत के लिए पहला मेडल किसने जीता था।
भारत के लिए किसने जीता पैरालंपिक में पहला मेडल?
पैरांलपिक में भारत के लिए पहला मेडल मुरलीकांत पेटकर ने जीता था। ये वही मुरलीकांत पेटकर हैं, जिन पर कबीर खान ने कार्तिक आर्यन को लेकर बायोपिक बनाई है। जिसका नाम चंदू चैंपियन है। फिल्म की कहानी भारत के पहले पैरालिंपिक तैराक मुरलीकांत पेटकर की लाइफ से इंस्पायर्ड है। मुरलीकांत पेटकर का जन्म 1 नवंबर 1944 को महाराष्ट्र के सांगली के पेठ इस्लामपुर क्षेत्र में हुआ। बचपन से ही उनका रुझान स्पोर्ट्स में ज्यादा था। मुरलीकांत पेटकर इंडियन आर्मी का हिस्सा रहे हैं।
एक हादसे ने बदल दी जिंदगी
मुरलीकांत पेटकर को शुरू से ही कुश्ती का शौक था। लेकिन इंडियन आर्मी ज्वाइन करने के बाद वह बॉक्सिंग करने लगे थे। लेकिन 1965 में मुरलीकांत की पोस्टिंग सियालकोट में थी। तब भारत और पाकिस्तान के बीच जंग शुरू हो गई थी। भारत-पाकिस्तान जंग में उन्हें 9 गोलियां लगी थीं। इस घटना के बाद वह बच तो गए थे, लेकिन कमर से नीचे लकवा मार दिया था। इतना सब कुछ हो जाने के बाद भी वे रुके नहीं और उन्होंने 1972 में भारत के लिए पहले पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीता।
तैराकी में बनाया अपना करियर
इस घटना के बाद उन्होंने तैराकी में अपना करियर बनाया। मुरलीकांत ने साल 1972 के हीडलबर्ग पैरालंपिक खेलों में 50 मीटर फ्रीस्टाइल इवेंट में गोल्ड मेडल जीता था, जो पैरालंपिक में भारत का पहला मेडल जीता था। उन्होंने 37.33 सेकेंड का समय निकाला था, जो उस समय एक वर्ल्ड रिकॉर्ड था। बता दें, साल 2018 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।