साइना नेहवाल की दिलचस्प लव स्टोरी, 10 साल चला अफेयर; फिर रचाई शादी

Sneha
 Saina Nehwal Love Story
साइना नेहवाल और परुपल्‍ली कश्‍यप (Photo Credit - instagram/parupallikashyap/X/@SirJadeja)

Saina Nehwal Love Story: भारतीय शटलर साइना नेहवाल किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। साइना उन खिलाड़ियों में हैं, जिन्होंने भारतीय महिला बैडमिंटन को विश्व स्‍तर पर पहचान दिलाई। उन्हें भारतीय महिला बैडमिंटन की पहली ‘पोस्‍टर गर्ल’ भी कहा जाता है। साइना नेहवाल अपने शानदार खेल के लिए जानी जाती हैं और वह ओलंपिक में भी मेडल जीत चुकी हैं। उनके खेल के बारे में तो सब जानते हैं, लेकिन उनकी पर्सनल लाइफ के बारे में ज्यादा लोगों को पता नहीं है। उनकी लव स्टोरी भी काफी फिल्मी रही है, जिसे उन्होंने कई सालों तक छुपाए रखा था।

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साइना नेहवाल की फिल्मी लव स्टोरी

भारत की स्टार शटलर साइना नेहवाल ने साल साल 2018 में पारुपल्ली कश्यप से शादी की थी। पारुपल्ली भी बैडमिंटन खिलाड़ी रह चुके हैं। इन दोनों ही खिलाड़ियों ने कई ऐसे मौके दिए हैं, जब पूरे देशवासियों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। भारत की सबसे प्रमुख खेल जोड़ियों में से एक साइना नेहवाल और पारुपल्ली कश्यप ने बैडमिंटन कोर्ट पर लंबे समय तक एकसाथ वक्त बिताया है। साइना और कश्यप की पहली बार मुलाकात 1997 में एक बैडमिंटन कोचिंग शिविर में हुई थी। इसके बाद, दोनों ने साथ में खेलना शुरू किया।

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दोनों की साथ खेलते-खेलते दोस्ती हुई और ये दोस्ती प्यार में कब बदल गई, किसी को पता नहीं चला। इसके बाद 2010 में साइना ने कश्यप को अपना जीवन साथी बनाने का मन बना लिया। हालांकि, दोनों ने तकरीबन 10 साल तक रिलेशनशिप में रहने के बाद शादी करने का फैसला किया था। एक बार साइना ने कपिल शर्मा शो में अपनी लवस्‍टोरी के बारे में बताते हुए कहा था कि हम साथ में खेलते थे। 1999 में हमने स्‍टार्ट किया था। शुरुआत में लगा नहीं था कि हम दोस्‍त बन जाएंगे क्‍योंकि हमारे बीच कम्पटीशन रहता था। यह मुझसे कुछ सीनियर था। धीरे-धीरे हम टीम में जाने लगे तो दोस्‍ती हो गई। फिर हम एक-दूसरे के मैच फॉलो करने लगे। जब यह हारता था तो मुझे बुरा लगता था जबकि मेरे हारने पर इसे बुरा लगता था। इसके बाद हम गर्लफ्रेंड और बॉयफ्रेंड बन गए।

बैडमिंटन की दुनिया में कमाया काफी नाम

साइना नेहवाल का जन्म हरियाणा के हिसार जिले में 17 मार्च 1990 में हुआ था। साइना की मां भी बैडमिंटन प्लेयर थीं। उनकी मां राज्य स्तर पर बैडमिंटन में खेली हुई हैं। साइना ने अपनी मां के नक्शे कदम पर चलते हुए आठ साल की उम्र में बैडमिंटन रैकेट थाम लिया था। 2012 में लंदन ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया था। साइना ओलंपिक में मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला बैडमिंटन खिलाड़ी भी बनी थीं। वहीं, पारुपल्ली भी साल 2014 के कॉमनवेल्थ गेम्स के गोल्ड मेडलिस्ट हैं। उन्होंने साइना को कोचिंग भी दी है।

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Edited by Prashant Kumar
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