सुमित अंतिल का रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन, पेरिस पैरालंपिक में भी जीता गोल्ड; बड़ी उपलब्धि की अपने नाम

Para Athletics - Paris 2024 Summer Paralympic Games: Day 5 - Source: Getty
सुमित अंतिल ने लगातार दूसरा पैरालंपिक गोल्ड मेडल जीता

Sunil Antil wins gold medal Paris Paralympics 2024: पेरिस पैरालंपिक में सोमवार (2 सितम्बर) का दिन भारतीय दृष्टिकोण से शानदार रहा, क्योंकि भारत की झोली में एक नहीं दो गोल्ड मेडल आए। भारत के लिए दिन का पहला गोल्ड बैडमिंटन में नितेश कुमार लेकर आए और फिर रात में जेवलिन में सुमित अंतिल का जलवा देखने को मिला। सुमित से गोल्ड की उम्मीद पहले ही लगाई जा रही थी और उन्होंने एफ 64 कैटेगरी में अपने रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन से निराश नहीं किया और पहले स्थान पर रहकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। सुमित ने टोक्यो पैरालंपिक की तुलना में इस बार ज्यादा बेहतर प्रदर्शन किया और अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए 70.59 मीटर की दूरी पर जेवलिन फेंक कर लगातार दूसरी बार गोल्ड मेडल जीता। उनके इस प्रदर्शन की हर तरफ वाहवाही हो रही है।

सुमित अंतिल ने जीता गोल्ड मेडल

जेवलिन थ्रो में वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर सुमित अंतिल ने अपने पहले प्रयास में 69.11 मीटर का थ्रो किया और फिर 64 मीटर कैटेगरी में पैरालंपिक रिकॉर्ड तोड़ते हुए 70 मीटर का आंकड़ा भी पार किया। उनका तीसरा थ्रो 66.66 मीटर का रहा, जबकि चौथा प्रयास फाउल रहा। सुमित ने अपने पांचवें और छठे प्रयास में क्रमशः 69.04 मीटर व 66.57 मीटर थ्रो किया। इस तरह उन्होंने अपने बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया। सुमित के अलावा इस कैटेगरी में अन्य कोई भी एथलीट 70 मीटर के आंकड़े को नहीं छू पाया। सुमित के बाद, दूसरे स्थान पर श्रीलंका के दुलान कोडिथुवाक्कू ने 67.03 मीटर के थ्रो के साथ सिल्वर मेडल हासिल किया, जबकि मिचल बुरियन ने 64.89 मीटर के साथ तीसरे स्थान पर रहते हुए ब्रॉन्ज मेडल जीता।

पैरालंपिक में सफलतापूर्वक अपना टाइटल डिफेंड करने वाले बने दूसरे भारतीय

साल 2020 में टोक्यो में हुए पैरालंपिक में सुमित अंतिल ने रिकॉर्ड 68.55 मीटर के थ्रो के साथ गोल्ड जीता था लेकिन अब उन्होंने उस प्रदर्शन को पीछे छोड़ते हुए नया रिकॉर्ड बना दिया। पेरिस में गोल्ड मेडल जीते ही सुमित के नाम एक खास उपलब्धि दर्ज हो गई है। वह भारत की तरफ से अब सिर्फ दूसरे ऐसे एथलीट बन गए हैं, जिन्होंने सफलतापूर्वक पैरालंपिक में अपना गोल्ड का बचाव किया। उनसे पहले शूटर अवनि लेखरा ने ऐसा किया था। अवनि ने भी टोक्यो में गोल्ड जीता था और फिर इस बार भी ऐसा ही किया।

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Edited by Prashant Kumar
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