टोक्यो पैरालंपिक की समाप्ति के साथ ही चीन ने खेल जगत में अपने दबदबे को एक बार फिर दिखाया है। चीन ने 13 दिनों तक चले दिव्यांग खेल महाकुंभ में 207 पदक जीतकर अन्य सभी देशों को काफी पीछे छोड़ दिया। कुल 96 गोल्ड, 60 सिल्वर, 51 ब्रॉन्ज लेकर चीन ने पदक तालिका पर शीर्ष स्थान हासिल किया। दूसरे नंबर पर रहे ग्रेट ब्रिटेन के पास 41 गोल्ड के साथ कुल मिलाकर 123 पदक हैं, और वह पहले नंबर पर आए चीन से काफी पीछे है। अमेरिका (यूएसए) 37 गोल्ड के साथ तीसरे नंबर पर रहा।
17 साल से चीन की बादशाहत
चीन ने 2004 के एथेंस पैरालंपिक में पदक तालिका में पहली बार शीर्ष स्थान हासिल किया था और तब से ये लगातार पांचवे पैरालंपिक हैं जहां चीन ने पदक तालिका टॉप की है। 2008 बीजिंग पैरालंपिक से लगातार चौथी बार चीन ने 200 से ज्यादा मेडल जीते हैं। साल 2016 के रियो पैरालंपिक में चीन के पास 107 गोल्ड, 81 सिल्वर, 51 ब्रॉन्ज के साथ 239 पदक थे जो टोक्यो पैरालंपिक से ज्यादा है। इस लिहाज से टोक्यो में पिछली बार के मुकाबले चीन का प्रदर्शन कम रहा है।
शीर्ष 10 में जाने पहचाने नाम
टॉप 10 देशों की बात करें, तो चीन, ग्रेट ब्रिटेन और अमेरिका टॉप 3 में हैं। बैन के कारण रूस के खिलाड़ी RPC (Russian Paralympic Committee) के नाम से खेलते हुए 36 गोल्ड के साथ कुल 118 मेडल लेकर चौथे नंबर पर रहे। नीदरलैंड ने 25 गोल्ड के साथ पांचवा स्थान हासिल किया। यूक्रेन, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, इटली, अज़रबैजान क्रमश: पांचवे से दसवें स्थान पर रहे। मेजबान जापान 13 गोल्ड के साथ कुल 51 पदक लेकर 11वें स्थान पर रहा।
भारत का शानदार प्रदर्शन
भारत ने आखिरी दिन बैडमिंटन में गोल्ड जीतकर कुल पांचवा गोल्ड जीता। 5 गोल्ड, 8 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज के साथ कुल 19 पदक लेकर भारत ने 24वां स्थान हासिल किया और अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। बैडमिंटन, शूटिंग, एथलेटिक्स, टेबल टेनिस जैसे खेलों में देश ने झण्डे गाड़ दिए। पड़ोसी देश श्रीलंका के पास 1 गोल्ड और 1 ब्रॉन्ज है और वो 57वें स्थान पर है जबकि पाकिस्तान ने हैदर अली के ऐतिहासिक गोल्ड मेडल की बदौलत पदक तालिका में 59वां स्थान हासिल किया।
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