Paris Olympics 2024 Wrestler Aman Sehrawat Life Story: पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत के अमन सहरावत ने देश के लिए मेडल की उम्मीद और बढ़ा दी है। भारतीय रेसलर अमन ने सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है। गौरतलब है कि अमन ने 57 किलो वर्ग के क्वार्टरफाइनल मैच में अल्बानिया के जेलिमखान एबकारोव को एकतरफा मुकाबले में हराकर इस मैच को 12-0 से जीत लिया था। जिसकी वजह से भारत को अमन सहरावत से एक मेडल की उम्मीद है सभी की नजरें अमन के मेडल पर है।
अमन सहरावत अपनी सफलता का योगदान अपने ताऊ को देते हैं। दरअसल अमन के माता-पिता दोनों ही नहीं हैं। वहीं अमन सहरावत के ताऊ को उम्मीद है कि इस बार अमन सहरावत पदक जरूर जीत कर आएंगे। फिलहाल अगर अमन के जीवन की बात करें तो उनकी जिंदगी काफी दर्द भरी रही है।
बचपन से शुरू कर दी थी ट्रेनिंग
अमन सहरावत ने आठ साल की उम्र से ही ट्रेनिंग शुरू कर दी थी। अमन के माता-पिता का सपना था कि वह दिल्ली से ट्रेनिंग करें। जिसके लिए उन्होंने अमन को दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में भेजने की प्लानिंग की थी। अमन के दिल्ली जाने से पहले ही उनकी माता का निधन हो गया था और दिल्ली जाने के 6 महीने बाद ही उनके पिता का निधन हो गया था।
घर के अन्य सदस्यों ने किया पालन- पोषण
माता-पिता दोनों के निधन के बाद अमन के चाचा-ताऊ व दादा ने मिलकर उनका पालन- पोषण किया। उनकी बहन पूजा अभी BA फर्स्ट इयर में हैं।
मेडल जीतकर माता-पिता को देना चाहते हैं श्रद्धांजलि
अमन सहरावत का जन्म साल 2003 में झज्जर जिले में हुआ था। वो एक फ्रीस्टाइल पहलवान हैं। उन्होंने 2021 में राष्ट्रीय चैंपियनशिप को अपने नाम किया था। बचपन में ही अमन के माता-पिता का निधन हो गया था। बचपन में ही माता- पिता का साया सर से उठ जाने के बाद भी अमन ने खुद संभाला और सपना पूरा करने में जुट गए। अमन के जीवन में उनके ताऊ का बहुत बड़ा योगदान है। अमन के ताऊ सुधीर ने कहा, ‘ अमन ओलंपिक में जरूर पदक जीतेगा। वो पदक जीतकर अपने माता-पिता को श्रद्धांजलि देना चाहते हैं।