5 Rings of Olympics: खेल के महाकुंभ यानि ओलंपिक की शुरुआत इसी महीने 26 जुलाई से होने वाली है। पेरिस में होने वाले ओलंपिक (Paris Olympics) के लिए फैंस के अंदर अभी से रोमांच बढ़ गया है। ओलंपिक में इस बार 10 हजार से ज्यादा खिलाड़ी भाग लेने वाले हैं। ओलंपिक में आप सभी ने देखा होगा कि 5 रिंग का इस्तेमाल किया जाता है। साल 1896 जब से ओलंपिक की शुरुआत हुई तब से लेकर अभी तक 5 रिंग का ही इस्तेमाल किया गया है। हालांकि ऐसा क्यों किया जाता है आज हम आपको बताएंगे।
5 रंग के रिंग का होता है इस्तेमाल
ओलंपिक में 5 रंग के रिंग का इस्तेमाल होता है। इनमें नीला, पीला, काला, हरा और लाल रंग की रिंग होती है। ओलंपिक रिंग की रचना ओलंपिक संघ के पूर्व अध्यक्ष पिएर डू कूबर्टिन ने की थी। यह पांच रिंग ओलंपिक मूवमेंट को दर्शाती है और यह उसी का प्रतीक है। ओलंपिक की रिंग दुनिया के पांच बड़े महाद्वीप का प्रतीक हैं। इनमें अफ्रीका, उत्तर और दक्षिण अमेरिका, एशिया, यूरोप और ऑस्ट्रेलियाई महाद्वीप के आसपास आने वाले सभी देशों को एक ही महाद्वीप के रूप में गिना गया है।
ओलंपिक में पांच रंग के रिंग के इस्तेमाल करने की वजह भी बहुत दिलचस्प है। दरअसल, ओलंपिक रिंग में नीला, पीला, काला, हरा और लाल रंग को सफेद बैकग्राउंड के साथ दिखाया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह सभी रंग दुनिया के हर देश के झंडे में मिल जाता हैं। सभी देश की अंखडता को बनाए रखने के लिए इन 5 रंग का इस्तेमाल किया जाता है। ओलंपिक के सभी रिंग दुनियाभर से खेल में भाग लेने वाले खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
भारत के लिए खास बन सकता है ओलंपिक
आपको बता दें पेरिस ओलंपिक में भारत के 118 खिलाड़ी भाग लेने वाले हैं। यह खिलाड़ी 16 खेल में मेडल की दावेदारी पेश करते हुए नजर आएंगे। भारतीय दल के सभी खिलाड़ी पूरे जोश में हैं। ऐसे में इस बार टीम इंडिया ओलंपिक में सबसे ज्यादा मेडल जीतने के इरादे से उतरेगी। देश के लोग भी भारतीय खिलाड़ियों को लगातार अपनी शुभकामनाएं भेज रहे हैं। सभी को पूरी उम्मीद है कि भारत का प्रदर्शन सबसे शानदार रहेगा।