Why Players Bite Olympic Medal: खेल के महाकुंभ यानि ओलंपिक 2024 (Olympics 2024) का आगाज अब होने में कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। ओलंपिक का आयोजन इस बार पेरिस में हो रहा है। खेल के इस सबसे बड़े इवेंट में 10 हजार से ज्यादा खिलाड़ी मेडल की दावेदारी करते हुए नजर आएंगे। हर खिलाड़ी का सपना सिर्फ एक होगा वह देश के लिए मेडल जीतना। आपने हमेशा यह देखा होगा कि ओलंपिक मेडल जीतने के बाद खिलाड़ी काफी भावुक हो जाते हैं। वह मेडल जीतने के बाद उसे अपने दांतों से काटते हुए भी नजर आते हैं। हालांकि ओलंपिक खिलाड़ी ऐसा क्यों करते हैं। अगर आपके मन में भी ये सवाल उठते हैं तो आज हम आपके सवाल का जवाब देंगे।
क्यों ऐसा करते हैं खिलाड़ी
ओलंपिक मेडल जीतने के बाद इसे काटने का कोई नियम नहीं है। दरअसल, खिलाड़ियों को ऐसा करने के लिए फोटोग्राफर कहते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार यह प्रथा काफी लंबे समय से चलते आ रही है। फोटोग्राफर के कहने पर ही ओलंपिक मेडल जीतने वाले खिलाड़ी इस तरह के पोज देते हुए नजर आते हैं। ओलंपिक विजेता खिलाड़ी की इस तरह की फोटो को लोग खूब पसंद करते हैं। हालांकि इसकी शुरुआत कब हुई थी इसे लेकर कोई ठोस जानकारी नहीं है।
क्या शुद्धता की करते हैं जांच
पहले के वक्त में सोने के सिक्के का इस्तेमाल किया जाता था। उस वक्त व्यापारी इसकी शुद्धता की जांच के लिए सोने के सिक्के को कांटते थे। क्योंकि सोना एकदम नरम धातु ऐसे में उस पर दांत के निशान आ जाते थे। तो क्या ओलंपिक खिलाड़ी भी गोल्ड मेडल की शुद्धता की जांच करने के लिए उसे कांटते हैं? ऐसा नही हैं।
दरअसल, साल 1912 से ही इंटरनेशनल ओलंपिक समिति ने शुद्ध सोने का मेडल देना बंद कर दिया था। हालांकि उनके यह करने का कारण उसकी शुद्धता का जांच करना नहीं था। दरअसल, ओलंपिक विनर की मेडल की काटने वाली तस्वीर अधिक चर्चा में रहती हैं ऐसे में इसी कारण इस तरह के पोज देते हैं। ओलंपिक में मेडल को काटने की एक दिलचस्प घटना 2010 में घटी थी। शीतकालीन ओलंपिक में जर्मन के लुगर डेविड मोलर ने अपने रजत पदक को काटने के पोज देते समय अपने दांत तोड़ लिए थे।