भारत ने एशियाई टेबल टेनिस चैंपियनशिप में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 2 और ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर लिए हैं। दोहा में चल रही प्रतियोगिता में भारत ने पुरुष डबल्स में 2 कांस्य पदक जीतकर कुल 3 पदक अपनी झोली में डाल लिए। इससे पहले भारत ने पुरुष टीम का कांस्य पदक जीता था। ऐसा पहली बार है कि भारत को एशियाई टेबल टेनिस चैंपियनशिप में 3 पदक मिले हों। इससे पहले 1976 में उत्तरी कोरिया में आयोजित एशियन चैंपियनशिप के दौरान भारत ने पुरुष डबल्स में ब्रॉन्ज जीता था। ऐसे में 45 साल बाद टीम इंडिया को पुरुष डबल्स के मुकाबले में फिर से पदक जीतने में कामयाबी मिली है।
कमल एंड कम्पनी का कमाल
भारत के टेबल टेनिस वेटरन खिलाड़ी शरत कमल और जी सत्यान की जोड़ी पुरुष डबल्स के सेमीफाइनल में पहुंची थी, जबकि मानव ठक्कर-हरमीत देसाई की जोड़ी भी अंतिम 4 में जगह बनाने में कामयाब रही। शरत-सत्यान की जोड़ी को जापान की जोड़ी ने सीधे सेटों में चले मुकाबले में 11-5, 11-9, 13-11 से मात दी, जबकि ठक्कर-देसाई को दक्षिण कोरिया के जांग वूजिन -लिम जोंग हून ने बेहद नजदीकी मुकाबले में 11-4, 11-6, 10-12, 9-11, 11-8 से हराया। ठक्कर-देसाई ने बेहतरीन टक्कर दी, लेकिन अंत में दक्षिण कोरियाई जोड़ी हावी रही जिसने फाइनल मुकाबला भी जीता। सेमीफाइनल में हारने वाली दोनों डबल्स टीमों को कांस्य पदक दिया गया।
मेडल टैली में भारत ने बनाई जगह
भारत ने इससे पहले पुरुष टीम का कांस्य पदक भी अपने नाम किया था और इस तरह कुल 3 कांस्य पदक भारत के नाम रहे और भारत पदक तालिका में हॉन्ग कॉन्ग के साथ संयुक्त रूप से चौथे स्थान पर रहा। जापान ने 4 गोल्ड समेत कुल 7 पदक जीतकर पहला स्थान हासिल किया जबकि दक्षिण कोरिया दूसरे और चाइनीज ताइपे तीसरे नंबर पर रहे। छठे स्थान पर सिंगापुर की टीम रही। टेबल टेनिस में सबसे दिग्गज देश चीन ने पहले ही टूर्नामेंट में भाग लेने से मना कर दिया था क्योंकि चीन में राष्ट्रीय खेल का आयोजन हो रहा है। एशियन टेबल टेनिस चैंपियनशिप का आयोजन हर दो साल में किया जाता है।