पुरुष टेनिस के दुनिया के सबसे बड़े संघ Association for Tennis Professionals (ATP) यानी एटीपी ने प्रोफेशनल टेनिस खिलाड़ियों को सख्त हिदायत दी है कि टेनिस कोर्ट पर मैच के दौरान अपने बर्ताव को काबू में रखें नहीं तो उन्हें मिलने वाली सजा और कड़ी हो सकती है। एटीपी ने एक आंतरिक आदेश जारी कर ये ऐलान किया है कि मैच के दौरान गुस्सा दिखाते हुए हरकतें करने वाले खिलाड़ियों पर अब पहले से ज्यादा कड़ा रूख अपनाया जाएगा और बार-बार अपनी हरकतें दोहराने वाले खिलाड़ियों पर बड़ी गाज गिरेगी। हाल ही में मेक्सिको ओपन, मियामी ओपन और इंडियन वेल्स के दौरान निक किर्गियोस, एलग्जेंड्र ज्वेरेव, ब्रूक्सबी जैसे खिलाड़ियों के द्वारा मैच के दौरान कोर्ट पर की गई बदतमीजी को देखते हुए ये कदम उठाया गया है।

एटीपी के चेयरमैन आंद्रे गोदांजी के मुताबिक क्ले कोर्ट सीजन की शुरुआत से पहले एटीपी ने फैसला लिया है कि खेल में Code of Conduct की अवहेलना करने पर खिलाड़ियों के खिलाफ ज्यादा कड़ी सजा दी जाएगी। इसके साथ ही ये भी साफ किया गया कि एटीपी सजा के संबंध में प्रावधानों को भी अपडेट करने जा रही है।

ऑस्ट्रेलिया के निक किर्गियोस पर इंडियन वेल्स और मियामी ओपन के दौरान अलग-अलग आरोपों के चलते कुल 60 हजार अमेरिकी डॉलर का जुर्मना लगाया गया था। किर्गियोस ने इंडियन वेल्स में राफेल नडाल के खिलाफ मैच के दौरान गुस्से में तरह-तरह के शब्द कहे, दर्शक दीर्घा में आए सेलेब्रिटी खिलाड़ियों पर शब्दों से हमला बोला, और दो बार रैकेट पटककर फेंका। मैच हारने के बाद जब किर्गियोस ने रैकेट पटका तो वो दूर खड़े बॉल ब्वॉय को लगते-लगते बचा। इस हरकत के बाद किर्गियोस की हर तरफ कड़ी आलोचना हुई थी, हालांकि किर्गियोस ने सभी से माफी मांगते हुए उस बॉल ब्वॉय को नया रैकेट गिफ्ट भी किया था लेकिन किर्गियोस के टेनिस करियर में ऐसे वाकये कई बार हो चुके हैं जिसके देखते हुए फैंस ने भी मांग की थी कि बार-बार ऐसी हरकतें करने वाले खिलाड़ियों पर सिर्फ जुर्माना न लगाकर उनपर कड़ा एक्शन लिया जाए।

किर्गियोस के अलावा इसी साल फरवरी में मेक्सिको ओपन में पुरुष डबल्स का मैच हारने के बाद एलेग्जेंडर ज्वेरेव ने चेयर अंपायर पर गलत फैसले लेने का आरोप लगाया और उनकी चेयर के पास जाकर 4 बार जोर-जोर से रैकेट से वार किया था। विश्व नंबर 3 सिंगल्स खिलाड़ी ज्वेरेव के इस गुस्से को देखकर वहां मौजूद उनके समर्थक भी हैरान थे। हालांकि इस हरकत के लिए ज्वेरेव पर सिर्फ जुर्माना लगा और आठ हफ्ते का सस्पेंशन एक साल के प्रोबेशन के नाम पर दिया गया। कई टेनिस विशेषज्ञों का मानना था कि प्रोबेशन पर रखे जाने से खिलाड़ी के मन में सजा का खौफ कम हो जाता है। ज्वेरेव को आठ हफ्ते का बैन तभी मिलेगा अगर वो प्रोबेशन की अवधि में दोबारा ऐसी हरकत नहीं करते। हालांकि इस मैच के बाद ज्वेरेव को पूरे टूर्नामेंट से बाहर कर दिया गया था।
ज्वेरेव की इस घटना के बाद महिला टेनिस स्टार सेरेना विलियम्स ने एटीपी की आलोचना करते हुए कहा था कि अगर उन्होंने ऐसी हरकत की होती तो टेनिस बॉडी उन्हें जेल में डाल देतीं। ऐसे में किर्गियोस और ज्वेरेव को मिली जुर्माने की सजा को कई लोगों ने नाकाफी माना था।
यही नहीं, मियामी ओपन के दौरान अमेरिका के जेसन ब्रूक्सबी ने पहले दौर के मैच में गुस्से में अपना रैकेट जोर से फेंका जो बॉल ब्वॉय को जाकर लगा। लेकिन इसके लिए उन्हें सिर्फ एक प्वाइंट की पेनेल्टी दी गई। फैंस का मानना है कि खिलाड़ियों के द्वारा की जाने वाली और संभावित एक-एक हरकत के लिए निश्चित सजा होनी चाहिए ताकि अलग-अलग खिलाड़ियों को एक ही तरह की हरकत के लिए अलग-अलग सजा न मिलें।
