मोंटे-कार्लो मास्टर्स - 4 बार फाइनल पहुंचकर भी जो खिताब फेडरर के हाथ न लग सका

क्ले कोर्ट पर फेडरर की पकड़ बाकि सभी कोर्ट से सबसे कमजोर है।
क्ले कोर्ट पर फेडरर की पकड़ बाकि सभी कोर्ट से सबसे कमजोर है।

सीजन के पहले क्ले कोर्ट मास्टर्स मोंटे-कार्लो को साल के दूसरे ग्रैंड स्लैम फ्रेंच ओपन की शुरुआती तैयारी के रूप में देखा जाता है। राफेल नडाल ने जहां 11 बार इस खिताब को जीतने का ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाया है तो वहीं मौजूदा विश्व नंबर 1 नोवाक जोकोविच भी 2 बार इस खिताब को जीत चुके हैं। लेकिन दुनिया के महानतम टेनिस खिलाड़ियों में गिने जाने वाले पूर्व विश्व नंबर 1 स्विट्जरलैंड के रॉजर फेडरर अपने 2 दशक से लंबे करियर में इस प्रतिष्ठित खिताब को हासिल नहीं कर पाए हैं और शायद इसके बिना ही अपना प्रोफेशनल टेनिस करियर खत्म करेंगे।

मोंटे-कार्लो मास्टर्स के 4 फाइनल्स में पहुंचे फेडरर को 3 बार नडाल ने खिताबी मैच में हराया है।
मोंटे-कार्लो मास्टर्स के 4 फाइनल्स में पहुंचे फेडरर को 3 बार नडाल ने खिताबी मैच में हराया है।

मोंटे-कार्लो इकलौता एटीपी 1000 ईवेंट है जो एटीपी फाइनल्स में एंट्री हेतु आवश्यक रूप से नहीं गिना जाता और यही वजह है कि फेडरर ने साल 2010, 2011 और 2013 में इस टूर्नामेंट में भाग नहीं लिया, लेकिन जब लिया भी, तो वह खिताब से चूक गए। फेडरर चार बार मोंटे-कार्लो मास्टर्स के फाइनल में पहुंचे लेकिन एक भी बार खिताब जीत नहीं सके। साल 2006, 2007 और 2008 में फेडरर तीन बार लगातार फाइनल में पहुंचे लेकिन तीनों बार राफेल नडाल ने उन्हें हराकर खिताब जीता। नडाल ने 2005 से 2012 तक लगातार 8 बार खिताब जीत रिकॉर्ड बनाया था।

2013 में नोवाक जोकोविच ने नडाल को फाइनल में हराते हुए उनके जीत के रथ को रोका। साल 2014 में फेडरर के पास शानदार मौका आया जब क्वार्टरफाइनल में नडाल हारकर बाहर हो गए और फेडरर ने जोकोविच को हराकर फाइनल में जगह बनाई। फैंस को लगने लगा था कि फेडरर अब तो ये प्रतिष्ठित टूर्नामेंट जीत ही जाएंगे। लेकिन उन्हीं के हमवतन स्टेन वावरिंका ने फाइनल में फेडरर को हराकर खिताब जीत लिया। वावरिंका ने मैच का पहला सेट 4-6 से गंवाया था , लेकिन इसके बाद अगले दोनों सेट 7-6, 6-2 से जीतकर फेडरर को हराया।

2014 फाइनल से पहले वावरिंका के साथ फेडरर।
2014 फाइनल से पहले वावरिंका के साथ फेडरर।

रोम मास्टर्स के अलावा मोंटे-कार्लो ही दूसरा एटीपी मास्टर्स खिताब है जो इस पूर्व विश्व नंबर 1 की झोली में नही है। 40 साल के फेडरर पिछले साल विम्बल्डन में आखिरी बार दिखे थे और फिलहाल चोटिल होने के कारण रिकवरी में हैं। ऐसे में फैंस को भी उम्मीद नहीं है कि अगले साल या आने वाले कुछ सालों में फेडरर इस खिताब को जीत पाएं।