Rio 2016 में हिस्सा ले रहीं भारतीय महिला रेसलरों का विश्लेषण

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# बबिता कुमारी
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भारतीय महिला रेसलरों में सबसे अनुभवी बबिता कुमारी के कन्धों पर काफी जिम्मेदारी होगी और वो ओलंपिक्स में पदक जीतने का पूरा प्रयास करेंगी। JSW स्पोर्ट्स एक्सीलेंस प्रोग्राम की एथलीट बबिता के ओलंपिक में क्वालीफाई करने की भी एक कहानी है। मंगोलिया की रेसलर सुमिया एर्डेनेचिमेग के डोप टेस्ट में फेल होने के कारण अस्ताना, कजाखस्तान में हुए एशियाई ओलंपिक क्वालीफ़ायर इवेंट से वो रियो में क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर थीं। लेकिन पहले एशियाई ओलंपिक क्वालीफ़ायर में उन्होंने दूसरे क्वालीफ़ायर इवेंट की तयारी करने के कारण हिस्सा नहीं लिया था लेकिन उन्हें इसके लिए सिर्फ चेतावनी मिली और उनका ओलंपिक कोटा कायम रहा। सुमिया ने बबिता को हराया था लेकिन डोप टेस्ट में पॉजिटिव होने के कारण उनकी जगह बबिता को चली गई। हालाँकि इस समय तक भी बबिता का ओलंपिक कोटा खतरे में था लेकिन बाद में इसे सुनिश्चित कर दिया और बबिता ने राहत की सांस ली। 2010 कॉमनवेल्थ खेलों की रजत पदक विजेता, 2012 वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में कांस्य और 2014 कॉमनवेल्थ खेलों की स्वर्ण पदक विजेता बबिता इस समय देश के बेहतरीन रेसलरों में शामिल हैं और इस बार वो ओलंपिक्स पदक विजेताओं में भी अपना नाम दर्ज करना चाहेंगी। प्रो रेसलिंग लीग में उनका प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा था लेकिन उनकी तारीफ़ भी की गई थी। उन्होंने कई मौकों पर शानदार वापसी की और दिखाया कि क्यों उन्हें बेहतरीन रेसलर माना जाता है। बबिता के ऊपर देश को काफी विश्वास है और वो पदक लाने के सबसे बड़े दावेदारों में एक हैं।