रेसलर पूजा गहलोत ने कुश्ती में ब्रॉन्ज जीतने के बाद देश से मांगी माफी, पीएम ने कहा इस पदक का जश्न मनाएंगे

अपने कॉमनवेल्थ गेम्स ब्रॉन्ज मेडल को दिखाती हुईं पूजा गहलोत
अपने कॉमनवेल्थ गेम्स ब्रॉन्ज मेडल को दिखाती हुईं पूजा गहलोत

भारत की महिला पहलवान पूजा गहलोत ने 2022 कॉमनवेल्थ खेलों में देश को कुश्ती में कांस्य पदक दिलाया है। पूजा ने महिलाओं की 50 किलो वेट कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया लेकिन इस जीत के बाद भी पूजा निराश दिखीं और देशवासियों से माफी मांगी। 25 साल की पूजा ने मेडल सेरेमनी के बाद इंटरव्यू में कहा कि वो गोल्ड जीत पोडियम पर खड़े होकर राष्ट्रगान सुनना चाहती थीं, लेकिन इस उम्मीद पर वह खरी नहीं उतरीं। पूजा ने इस कारण सभी देशवासियों से माफी मांगी।

रोते-रोते देश के लोगों से माफी मांगती पूजा का वीडियो वायरल हुआ तो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर उनकी तारीफ करते हुए लिखा कि उनके पदक के लिए देश में जश्न मनाया जाना चाहिए। पीएम ने पूजा को समझाया कि वो माफी न मांगे क्योंकि उनका मेडल तक का सफर प्रेरणा देने वाला है।

दिल्ली की रहने वाली पूजा के चाचा धरमवीर सिंह खुद पहलवान थे और वो पूजा को अपने साथ अखाड़े में ले जाते थे। पूजा का भी कुश्ती में मन लगता था लेकिन उनके पिता विजेंदर सिंह इसके खिलाफ थे और इसलिए पूजा ने वॉलीबॉल खेलना शुरु कर दिया। पूजा जूनियर लेवल पर राष्ट्रीय स्तर तक वॉलीबॉल खेल चुकी हैं। इसी बीच साल 2010 में गीता फोगाट और बबिता फोगाट ने कॉमनवेल्थ खेलों में मेडल जीते जिससे पूजा काफी प्रेरित हुईं। पूजा ने अपने परिवार को मनाया और दिल्ली में ही एक अखाड़े में कुश्ती सीखनी शुरु की।

पूजा को अपने घर से रोज 3 घंटा सफर कर अखाड़े तक जाना होता था। इसके लिए वह रोज सुबह 3 बजे उठ जाती थीं। इस वजह से उन्हें अखाड़े के पास ही कमरा लेकर रहना पड़ा। लेकिन जब दिक्कतें बढ़ने लगीं तो पूजा के परिवार ने बड़ा फैसला किया और हरियाणा के रोहतक शिफ्ट हो गया ताकि पूजा आसानी से कुश्ती के लिए बेहतर ट्रेनिंग कर सकें।

साल 2016 में पूजा ने 48 किलोग्राम भार वर्ग में राष्ट्रीय जूनियर चैंपियनशिप जीती। 2017 में ताईवान में पूजा ने एशियन जूनियर चैंपियनशिप में गोल्ड जीता। 2019 में पूजा को अंडर 23 विश्व चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल मिला। और अब पूजा ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में कॉमनवेल्थ गेम्स के पदक को भी शामिल कर लिया है। पूजा का इरादा गोल्ड जीतने का था लेकिन इस बार उन्हें ब्रॉन्ज से ही संतोष करना पड़ा है। पूजा का ये ब्रॉन्ज भी देश के लिए काफी मायने रखता है क्योंकि इन कॉमनवेल्थ खेलों में भाग लेने गए सभी 12 भारतीय पहलवानों ने मेडल जीतने में सफलता हासिल की है।

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