भारत की युवा महिला पहलवानों अंशू मलिक और सोनम मलिक ने टोक्यो गेम्स के लिए क्वालीफाई कर लिया है। अंशू मलिक और सोनम मलिक ने शनिवार को एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर्स में सिल्वर मेडल जीतकर यह उपलब्धि हासिल की। 19 साल की अंशू मलिक और 18 साल की सोनम मलिक ने जूनियर से सीनियर सर्किट में बदलाव किया और ओलंपिक का कोटा पाने वाली विनेश फोगाट (53 किग्रा) के बाद अगली दो पहलवान बनीं।
भारत के पास अब तीन महिला रेसलर्स हो गई हैं, जिन्होंने समर गेम्स के लिए अपनी जगह पक्की कर ली है। विनेश फोगाट ने 2019 विश्व चैंपियनशिप के द्वारा ओलंपिक्स के लिए क्वालीफाई किया था। वैसे आगामी टोक्यो ओलंपिक्स के लिए भारत के अब तक सात पहलवान क्वालीफाई कर चुके हैं। पुरुषों में बजरंग पूनिया (65 किग्रा), रवि दहिया (57 किग्रा) और दीपक पूनिया (86 किग्रा) ने फ्री स्टााइल इवेंट में क्वालीफाई किया।
जहां अंशू 57 किग्रा वर्ग में पूरी तरह हावी रहीं, वहीं सोनम ने कोटा हासिल करके रियो ओलंपिक की मेडलिस्ट साक्षी मलिक के दरवाजे बंद कर दिए हैं। सोनम ने साक्षी को हाल ही में संपन्न ट्रायल्स में चार बार शिकस्त देकर सुर्खियां बटोरी थी। उन्होंने 62 किग्रा को अपना वर्ग बना लिया था।
सोनम मलिक को हुई परेशानी, अंशू मलिक ने आसानी से हासिल किया कोटा
अंशू मलिक का प्रदर्शन इस कदर हावी रहा कि उन्हें फाइनल में पहुंचने के लिए केवल दो अंक की जरूरत थी। इससे पहले वह अपनी तीनों बाउट तकनीकी सुपियोरिटी के आधार पर जीत चुकी थी। अंशू मलिक ने सबसे पहले कोरिया की जियून उम को मात दी। फिर कजाख्स्तान की एमा तिसिना को धराशाई किया और सेमीफाइनल में उन्होंने उज्बेकिस्तान की शोखिदा अखमेदोवा को पराजित किया। अंशू मलिक को गोल्ड मेडल मैच में मंगोलिया की खोनगोर्जुल बोल्डसाईखान से 4-7 से शिकस्त मिली। वहीं सोनम मलिक चोट के कारण फाइनल में हिस्सा नहीं ले सकीं।
सोनम ने चीन की जिया लोंग को 5-2 से मात दी थी जबकि चीनी ताईपे की सिन पिंग पाई को तकनीकी सुपिरियोरिटी के आधार पर मात दी थी। सेमीफाइनल में सोनम कजाख्स्ता की अयोलिम कासिमोवा से 0-6 से पिछड़ रही थीं, लेकिन अपने आप के लिए कोटा हासिल करने के लिए उन्होंने 9 अंक बनाए। सोनम मलिक के निकी कोच अजमेर मलिक ने पीटीआई को बताया, 'सोनम दर्शा चुकी हैं कि वह सीनियर सर्किट के लिए तैयार हैं। देखिए उन्होंने क्या कर दिया है। लोग अब भी बातें कोई कैसे थे कि सोनम मलिक अब भी कैडेट स्तर की हैं, लेकिन साक्षी के खिलाफ लगातार जीत से उनका विश्वास बढ़ा है।'