बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप : दूसरे ही दौर में हारीं पीवी सिंधू, लक्ष्य सेन और प्रणॉय अगले दौर में 

Sudirman Cup 2023 - Day 2
पीवी सिंधू ने साल 2019 में विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीता था।

भारत की पीवी सिंधू बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप के दूसरे दौर में हारकर बाहर हो गई हैं। पू्र्व BWF वर्ल्ड चैंपियन सिंधू को दूसरे दौर में जापान की नोजोमी ओकुहारा ने 21-14, 21-14 से मात दी। सिंधू को टूर्नामेंट में 16वीं वरीयता मिली थी और पहले दौर में बाई भी प्राप्त हुई थी लेकिन वह अपना पहला ही मैच जीत नहीं पाईं।

हालांकि पुरुष सिंगल्स से भारत के लिए अच्छी खबर आई। 9वीं सीड प्राप्त भारत के एच एस प्रणॉय और 11वीं सीड लक्ष्य सेन ने भी तीसरे दौर में जगह बना ली है। प्रणॉय ने अपने मुकाबले में इंडोनिशिया के चीके डि वारडोयो के खिलाफ 21-9, 21-14 से जीत हासिल की। लक्ष्य ने दूसरे दौर में दक्षिण कोरियाई खिलाड़ी जियोन ह्यूक जिन को 21-11, 21-12 से मात दी। महिला डबल्स के अश्विनी भट्ट और शिखा गौतम की जोड़ी हारकर बाहर हुई जबकि वेंकट प्रसाद और जूही देवांगन को मिक्स्ड डबल्स में हार मिली।

देश के नाम सिर्फ 1 गोल्ड

भारत को BWF वर्ल्ड चैंपियनशिप में पहला मेडल साल 1983 में प्रकाश पादुकोण ने दिलाया था। पादुकोण ने तब पुरुष सिंगल्स का ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था। साल 2019 में बी साईं प्रणीत देश के लिए पुरुष सिंगल्स में अगला ब्रॉन्ज मेडल लाए। 2021 में किदाम्बी श्रीकांत ने सिल्वर तो लक्ष्य सेन ने ब्रॉन्ज जीता।

महिला सिंगल्स में भारत का प्रदर्शन बेहतर रहा है। पीवी सिंधू ने साल 2013, 2014 में कांस्य पदक जीते तो 2017 और 2018 में सिल्वर मेडल हासिल किया। साल 2019 में सिंधू गोल्ड जीतने में कामयाब रहीं। यह वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत का इकलौता गोल्ड मेडल है। वहीं साल 2015 में पूर्व विश्व नंबर 1 साइना नेहवाल सिल्वर मेडल जीतने में कामयाब रही थीं जबकि 2017 में उन्होंने कांस्य पदक जीता।

महिला डबल्स में देश को इकलौता मेडल साल 2011 में मिला जब ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा ने कांस्य पदक जीता। साल 2022 में सात्विक साईंराज और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने पुरुष डबल्स में कांस्य पदक जीत इतिहास रचा था।

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