आईपीएल प्लेऑफ में 4 टीमों की बजाय 5 टीमों के सुझाव पर पूर्व खिलाड़ी ने दी अपनी राय

आईपीएल 2022 का आगाज 26 मार्च से होगा
आईपीएल 2022 का आगाज 26 मार्च से होगा

क्रिकेट में हमेशा बदलाव चलता रहता है और यह बदलाव हमें आईपीएल (IPL) में भी कई बार देखने को मिला है। इसी बदलाव के अंतर्गत अब एक बार फिर सभी टीमों को ग्रुप में बाँट दिया गया है। इन सबके बीच प्लेऑफ में चार टीमों के बजाय पांच टीमों के सुझाव पर पूर्व भारतीय खिलाड़ी आकाश चोपड़ा (Aakash Chopra) ने अपने विचार व्यक्त किये हैं, जिनके मुताबिक प्लेऑफ के फॉर्मेट में बदलाव नहीं करना चाहिए और केवल चार टीमों को ही क्वालीफाई कराया जाना चाहिए।

बीसीसीआई ने कुछ दिन पहले ही आईपीएल 2022 में टीमों के ग्रुप तथा 26 मार्च से आगाज और 29 मई से समापन होने की पुष्टि की है। हालाँकि उन्होंने प्लेऑफ से फॉर्मेट को नहीं बदला है और इस सीजन भी हमें दो क्वालीफ़ायर और एक एलिमिनेटर देखने को मिलेगा।

अपने यूट्यूब चैनल पर सवाल-जवाब के दौरान, चोपड़ा से पूछा गया कि क्या आईपीएल प्लेऑफ़ में पांच टीमों का होना एक अच्छा विचार होगा, यह देखते हुए कि फ्रेंचाइजी की संख्या बढ़कर अब 10 हो गई है। इस सुझाव पर सहमत ना होते हुए पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा,

निजी तौर पर, मुझे यह पसंद नहीं है। थोड़ा मुश्किल होना चाहिए नहीं तो यह 50 प्रतिशत टीमों के क्वालीफाई करने का मामला होगा। मुझे प्लेऑफ़ प्रारूप पसंद है। जहाँ भी राउंड-रॉबिन प्रारूप का उपयोग किया जाता है, प्लेऑफ़ होना चाहिए वहाँ। यदि आपने किसी सीज़न में अच्छा प्रदर्शन किया है तो आपको अधिक अवसर और पुरस्कार मिलते हैं। पीएसएल में भी, छह टीमों में से, चार प्लेऑफ़ के लिए क्वालीफाई करती हैं। थोड़ा क्वालिटी बनाये रखें। 50-50 मेरे सोचने का तरीका नहीं है।

आईपीएल और घरेलू क्रिकेट के टकराव को लेकर भी आकाश चोपड़ा ने दी प्रतिक्रिया

मौजूदा समय में खेला जा रहा रणजी सीजन इस बार दो भाग में खेला जायेगा। पहला भाग आईपीएल के पहले तथा दूसरा इसके बाद होगा। यह पूछे जाने पर कि घरेलू टूर्नामेंटों पर टी20 लीग को वरीयता क्यों दी जाती है, चोपड़ा ने समझाते हुए कहा,

यहां आईपीएल रणजी पर हावी नहीं हो रहा है, लेकिन यह होने जा रहा है। क्योंकि यह न केवल टीवी पर आता है, बल्कि यह एक वैश्विक टूर्नामेंट है। दुनिया भर से खिलाड़ी यहां आते हैं। ऑक्शन की रेटिंग बहुत सारे मैचों की तुलना में अधिक हैं। लेकिन क्या हम घरेलू क्रिकेट की अनदेखी कर रहे हैं? अगर इस साल रणजी ट्रॉफी नहीं हो रही होती, तो मैं मान जाता, लेकिन यह हो रहा है। जब तक घरेलू टूर्नामेंट आयोजित किए जा रहे हैं और उन्हें उचित महत्व दिया जा रहा है, यह ठीक है। लेकिन वे कभी भी आईपीएल की बराबरी नहीं कर पाएंगे।

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