पुलिस ने की धरने पर बैठे पहलवानों के खिलाफ बर्बरता, नीरज चोपड़ा, सुनील छेत्री समेत खेल दिग्गजों ने की निंदा

रियो ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडलिस्ट साक्षी मलिक (नीली शर्ट) को गिरफ्त में ले जाती पुलिस।
रियो ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडलिस्ट साक्षी मलिक (नीली शर्ट) को गिरफ्त में ले जाती पुलिस।

पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे देश के नामी पहलवानों के खिलाफ दिल्ली पुलिस का बर्बर रूप देखने को मिला। रविवार के दिन विश्व रेसलिंग चैंपियनशिप मेडलिस्ट वीनेश फोगाट, ओलंपिक मेडल विजेता साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया समेत अन्य पहलवानों के नई संसद बिल्डिंग की ओर कूच के दौरान दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्त में ले लिया।

बीजेपी सांसद और रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रहे बृजभूषण सिंह की यौन शोषण मामले में गिरफ्तारी की मांग को लेकर बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक वीनेश फोगाट समेत कई पहलवान 18 अप्रैल से धरना दे रहे थे। दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर के धरना स्थल को भी खाली करा लिया है। लेकिन जिस अंदाज में पहलवानों को घसीटते हुए गिरफ्त में लिया गया उसकी निंदा देश भर में की जा रही है।

वीनेश फोगाट और संगीता फोगाट के इस दौरान हुई धक्का-मुक्की में जमीन पर गिरे होने की तस्वरी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। पहलवानों के साथ हुई बर्बरता का खेल जगत की कई नामी हस्तियों ने विरोध किया है। टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले भारत के स्टार जैवलिन थ्रो एथलीट नीरज चोपड़ा ने ट्वीट कर पहलवानों को पुलिस द्वारा घसीटे जाने के तरीके पर दुख जताया।

भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने भी पहलवानों के साथ हुई बर्बरता पर हैरानी जताई। छेत्री ने माना कि इस प्रकार का व्यवहार किसी के साथ भी किया जाना गलत है। खास बात यह है कि दिल्ली पुलिस ने पहलवानों को गिरफ्त में लेने के बाद उनके खिलाफ IPC की कई धाराओं में एफआईआर भी दर्ज की है। भारतीय महिला फुटबॉल खिलाड़ी अदिति चौहान ने भी इस घटना की निंदा की है।

पुलिस का कहना है कि पहलवानों को संसद भवन की ओर मार्च करने की इजाजत नहीं थी। 28 मई के दिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया। इसी दौरान पहलवानों ने जंतर-मंतर से भवन की ओर मार्च किया। यहां गौर करने वाली बात यह है कि पहलवानों ने जब अप्रैल में बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत दर्ज करवाने की कोशिश की तो पुलिस ने ऐसा नहीं किया।

पहलवानों को तब सुप्रीम कोर्ट की मदद से एफआईआर करवानी पड़ी। लेकिन अब दिल्ली पुलिस ने मौका मिलते ही पहलवानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। सोशल मीडिया पर कई खेल प्रेमी पुलिस के इस रवैये पर सवाल उठा रहे हैं।

इस पूरे मामले में देश भर में दो प्रकार की राय बन चुकी हैं। पहलवानों के धरने में विपक्षी राजनैतिक पार्टियों के शामिल होने के कारण उनकी शिकायत को गलत बताने में भी कई लोग पीछे नहीं रहे हैं। फिलहाल यौन शोषण मामले में दिल्ली पुलिस की जांच जारी है।

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