विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप्स : अन्नू रानी जैवलिन थ्रो में पदक से चूकीं, 7वें स्थान पर रहीं

अन्नू का ये लगातार दूसरा विश्व चैंपियनशिप्स फाइनल था।
अन्नू का ये लगातार दूसरा विश्व चैंपियनशिप्स फाइनल था।

भारत की जैवलिन थ्रो खिलाड़ी अन्नू रानी विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप्स फाइनल में पदक हासिल नहीं कर पाईं। अन्नू ने फाइनल में 61.12 मीटर के थ्रो के साथ सातवां स्थान हासिल किया। गोल्ड मेडल ऑस्ट्रेलिया की केल्सी-ली बार्बर के नाम रहा जिन्होंने 66.91 मीटर की दूरी नापी।

ओरेगोन, अमेरिका में खेली जा रही प्रतियोगिता में अन्नू ने पहले प्रयास में 56.18 मीटर की दूरी का थ्रो किया जबकि दूसरे प्रयास में 61.12 मीटर की दूरी नापी जो उनका इस प्रतियोगिता का बेस्ट थ्रो रहा। इसके बाद बचे चारों प्रयास में अन्नू 60 मीटर का मार्क भी छू नहीं सकी।

टोक्यो ओलंपिक की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट केल्सी-ली का ये लगातार दूसरा विश्व चैंपियनशिप गोल्ड है और ऐसा करने वाली वो पहली महिला जैवलिन थ्रो खिलाड़ी हैं। 2019 दोहा विश्व चैंपियनशिप्स में भी केल्सी-ली ने पहला स्थान हासिल किया था और तब उनका थ्रो 66.56 मीटर था। अमेरिका की कारा विंगर ने 64.05 मीटर के थ्रो के साथ सिल्वर मेडल हासिल किया। 36 साल की कारा पिछली बार पांचवे स्थान पर रहीं थीं। ब्रॉन्ज मेडल जापान की हारूका किटागूची को मिला जिन्होंने 63.27 मीटर का थ्रो किया। किटागूची ने क्वालिफिकेशन में पहला स्थान हासिल किया था लेकिन 64.32 मीटर के प्रदर्शन को फाइनल में दोहरा नहीं पाईं।

अन्नू का ये लगातार दूसरा चैंपियनशिप्स फाइनल था। रानी का अपना निजी बेस्ट थ्रो 63.82 मीटर का है। अन्नू मेडल की दावेदार तभी बन पातीं अगर वो अपना पर्सनल बेस्ट थ्रो करतीं क्योंकि ब्रॉन्ज मेडल पाने वाली किटागूची ने 63.27 मीटर की दूरी नापी। अन्नू जैवलिन थ्रो फाइनल में दो बार पहुंचने वाली इकलौती भारतीय एथलीट हैं।

भारत ने आज तक विश्व चैंपियनशिप्स में केवल एक पदक जीता है जो साल 2003 की पेरिस विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप्स में अंजू बॉबी जॉर्ज ने लॉन्ग जम्प के ब्रॉन्ज के रूप में जीता था। आज देर रात नीरज चोपड़ा पुरुष जैवलिन थ्रो के फाइनल में उतरेंगे। फैंस को उम्मीद है कि टोक्यो ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज विश्व चैंपियनशिप्स में भारत को उसका दूसरा पदक दिला पाएंगे।

Edited by Prashant Kumar