अमेरिका के ओरेगोन में शुरु हुई विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप्स में भारत के लिए पहला दिन मिले-जुले परिणाम वाला रहा। पुरुषों के लॉन्ग जम्प क्वालिफिकेशन में अच्छा प्रदर्शन करते हुए भारत के मुरली श्रीशंकर फाइनल में पहुंच गए और ऐसा करने वाले पहले भारतीय एथलीट बने। वहीं पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपलचेज में भारत के अविनाश साबले भी लगातार दूसरी बार फाइनल में पहुंच गए।
23 साल के श्रीशंकर ने लॉन्ग जम्प क्वालिफिकेशन में 8 मीटर की कूद के साथ सीधे फाइनल में जगह बना ली। कुल 12 एथलीटों ने फाइनल के लिए क्वालीफाई किया है। जापान के युकी हाशिओका (8.18 मीटर) क्वालिफिकेशन में सबसे आगे रहे। फाइनल में पहुंचने वाले आखिरी खिलाड़ी क्यूबा के मायकल मास्सो रहे जिन्होंने 7.93 मीटर की कूद लगाई। फाइनल 16 जुलाई को खेला जाएगा। प्रतियोगिता के इतिहास में कोई भी लॉन्ग जम्प पुरुष खिलाड़ी भारत की ओर से फाइनल में इससे पहले नहीं पहुंचा था। जबकि साल 2003 में महिला लॉन्ग जम्प के फाइनल में अंजू बॉबी जॉर्ज ने ब्रॉन्ज जीत देश को उसका इकलौता विश्व चैंपियनशिप्स का पदक दिलाया था।
भारत के जेस्विन ऑल्ड्रिन (7.79 मीटर) और मोहम्मद अनीस (7.73 मीटर) क्वालीफाई नहीं कर पाए। जेस्विन से इस बार काफी उम्मीदें थीं क्योंकि पहले उन्हें विश्व चैंपियनशिप के लिए सेलेक्ट नहीं किया गया था लेकिन फिर दो बार AFI के सामने वो विशेष ट्रायल देकर चुने गए थे।
पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपलचेज हीट में भारत के अविनाश साबले लगातार दूसरी बार फाइनल में पहुंचे हैं। साबले 8:18:75 मिनट के समय के साथ सातवें नंबर पर रहे जबकि पहले स्थान पर 8:16:65 मिनट के समय के साथ मोरक्को के सूफियान बक्काली रहे। कुल 15 धावकों को फाइनल में जगह मिली है।
लेकिन बाकी इवेंट से भारत के लिए अच्छी खबर नहीं आई। शॉट पुट में एशियन रिकॉर्ड धारी तेजिंदरपाल तूर चोट के कारण प्रतियोगिता से हट गए। पुरुषों की 20 किलोमीटर पैदल चाल में संदीप कुमार 43 धावकों में से 40 नंबर पर रहे तो महिलाओं की 20 किलोमीटर पैदल चाल में प्रियंका गोस्वामी 36 धावकों में 34वें नंबर पर रहीं।