मो फराह ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के बावजूद टोक्यो गेम्स होना चाहिए और एथलीटों को कहा जाए कि वह टीका लगवाकर आएं। मो फराह को उम्मीद है कि इस साल होने वाले गेम्स में वह पांचवां ओलंपिक गोल्ड मेडल जीत सकते हैं। सोमालिया में जन्में 37 साल के मो फराह ने साथ ही कहा कि 10,000 मीटर की को वह 'अन्य रेस' के जैसे मानते हैं। ब्रिटीश धावक मो फराह को उम्मीद है कि वह इस साल टोक्यो ओलंपिक्स में जरूर मेडल जीत सकते हैं।
ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि पिछले साल कोरोना वायरस महामारी के कारण टोक्यो गेम्स एक साल के लिए स्थगित कर दिए गए थे और अब जबकि स्थिति में ज्यादा सुधार नहीं हुआ है तो इस साल भी ओलंपिक्स रद्द किए जा सकते हैं। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) अध्यक्ष थॉमस बाख और जापानी सरकार इस बात पर अड़े हुए हैं कि टोक्यो ओलंपिक्स योजनाबद्ध तरीके से आयोजित होगा।
टोक्यो ओलंपिक्स में मो फराह को मेडल की उम्मीद
इस साल टोक्यो ओलंपिक्स 23 जुलाई से 8 अगस्त के बीच होना है। आईओसी के डेप्यूटी डिक पाउंड ने एथलीट्स को टीका लगाने की बात बताई है। हालांकि, अन्य लोगों का कहना है कि जो चपेट में आए उसको प्राथमिकता देनी चाहिए।
मो फराह ने कहा, 'मेरे ख्याल से अधिकांश लोग अपने करियर में ओलंपिक्स में जाना चाहते हैं और ओलंपिक्स में हिस्सा लेना चाहते हैं। महत्वपूर्ण चीज सुरक्षित रहना है और देखना कि देश क्या कर सकता है। उन्होंने हमसे यह कहा है कि सभी कोविड इंजेक्शंस लगवाकर आएं ताकि बीमारी के फैलाव का जोखिम कम हो और वहां से फिर देखा जाएगा कि एक दिन में समय पर क्या होता है।'
मो फराह ने ट्रैक पर वापसी की है। उन्होंने कई मैराथन छोड़कर अभ्यास शुरू किया। मो फराह का लक्ष्य है कि 10,000 मीटर में तीसरा गोल्ड मेडल अपने खाते में जोड़े। वह 2012 और 2016 में यह कमाल कर चुके हैं। छह वर्ल्ड आउटडोर खिताब जीतने वाले मो फराह ने कहा, 'मेरे ख्याल से ओलंपिक्स होना चाहिए। मेरे पास ओलंपिक्स में हिस्सा लेने का अनुभव है। मैं एक बार फिर इसे अन्य रेस की तरह मानकर चलूंगा और देखेंगे कि क्या होगा।'
यह समझा जा सकता है कि ब्रिटीश ओलंपिक एसोसिएशन (बीओए) सरकार के साथ एथलीट्स को वैक्सीन मुहैया कराने के लिए सक्रिय बातचीत में शामिल नहीं हैं।