भारत के गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा ने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के जेवलिन थ्रो फाइनल में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। चोपड़ा ने हंगरी के बुडापेस्ट में हुई प्रतियोगिता में 88.17 मीटर के थ्रो के साथ पहला स्थान हासिल किया। विश्व एथलेटिक्स में यह भारत का पहला गोल्ड मेडल है।
पहले प्रयास में फ़ाउल करने वाले नीरज ने अपने दूसरे थ्रो में 88.17 मीटर की दूरी तक जेवलिन फेंका और यह गोल्ड पक्का करने के लिए काफी रहा। पाकिस्तान के अरशद नदीम ने 87.82 मीटर की दूरी नाप सिल्वर जीता जबकि चेक गणराज्य के जेकब वाल्देच ने ब्रॉन्ज हासिल किया। नीरज का यह लगातार दूसरा वर्ल्ड एथलेटिक्स मेडल है। पिछले साल नीरज ने इस स्पर्धा का सिल्वर मेडल हासिल किया था।
जेवलिन थ्रो के इस फाइनल में भारत के किशोर जेना 84.77 मीटर के थ्रो के साथ पांचवें जबकि डीपी मनु 84.14 मीटर के साथ छठे स्थान पर रहे। पहली बार विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप की किसी स्पर्धा के फाइनल में 3 भारतीय टॉप 6 में शामिल रहे।
नीरज मौजूदा ओलंपिक चैंपियन भी हैं और एक समय पर ओलंपिक गोल्ड के साथ ही विश्व चैंपियनशिप खिताब अपने नाम करने वाले तीसरे जेवलिन थ्रो एथलीट हैं। यही नहीं अब नीरज जेवलिन थ्रो के सभी बड़े खिताब जीत चुके हैं।
तीसरा वर्ल्ड मेडल
साल 1983 में भारत ने पहली बार विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग लिया था। 2003 में अंजू बॉबी जॉर्ज ने महिलाओं की लॉन्ग जम्प स्पर्धा का ब्रॉन्ज जीता था। उसके बाद 2022 में जाकर नीरज ने सिल्वर मेडल जीता और अब वह गोल्ड भी ले आए हैं।
विश्व एथलेटिक्स के आखिरी दिन दो और स्पर्धाओं में भारतीय एथलीटों ने अपना दम दिखाया। पुरुषों की 4 गुणा 400 मीटर रीले के फाइनल में पहली बार खेल रही भारतीय टीम ने पांचवां स्थान हासिल किया। मुहम्मद अनस याहिया, अमोज जेकब, मुहम्मद अजमल और राजेश रमेश ने 2 मिनट 59 सेकेंड 92 मिलिसेकेंड का समय लेकर दौड़ पूरी की। अमेरिका ने 2:57:31 सेकेंड के समय के साथ पहला, फ्रांस ने 2:58:45 सेकेंड के साथ दूसरा, ब्रिटेन ने 2:58:71 सेकेंड के साथ तीसरा और जेमेका ने 2:59:34 सेकेंड लेकर चौथा स्थान पाया। इस लिहाज से भारत का प्रदर्शन शानदार रहा।
महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा के फाइनल में पारुल चौधरी 11वें नंबर पर रहीं और 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में सफल रहीं।