विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप्स : 5वीं बार 100 मीटर दौड़ की विजेता बनीं शैली-एन, जमैका के नाम तीनों मेडल

महिलाओं की 100 मीटर रेस के गोल्ड के साथ शैली-एन (बीच में) और सिल्वर, ब्रॉन्ज मेडलिस्ट विजेता।
महिलाओं की 100 मीटर रेस के गोल्ड के साथ शैली-एन (बीच में) और सिल्वर, ब्रॉन्ज मेडलिस्ट विजेता।

जमैका की शैली-एन प्रायस-फ्रेजर ने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप्स में महिलाओं की 100 मीटर फर्राटा दौड़ का गोल्ड जीतकर इतिहास रच दिया है। शैली रिकॉर्ड पांचवी बार 100 मीटर की दौड़ में विश्व चैंपियन बनी हैं और ऐसा करने वाली इकलौती खिलाड़ी हैं।

टोक्यो ओलंपिक की सिल्वर मेडलिस्ट शैली ने रिकॉर्ड 10.67 सेकेंड के समय के साथ गोल्ड जीता। उनकी हमवतन शेरिका जैक्सन ने 10.73 सेकेंड के सीजन बेस्ट समय के साथ सिल्वर जीता जबकि जैमेका की ही एलेन हेराह ने 10.81 सेकेंड के समय से साथ ब्रॉन्ज अपने नाम किया। पहली बार महिलाओं की 100 मीटर स्पर्धा में तीनों पदक एक ही देश के नाम हुए हैं। ग्रेट ब्रिटेन की डीना एशर-स्मिथ 10.83 सेकेंड के साथ चौथे नंबर पर रहीं लेकिन उनका समय ब्रिटेन का नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बन गया।

35 साल की शैली इससे पहले साल 2009, 2013, 2015 और 2019 में इस स्पर्धा का गोल्ड जीत चुकी हैं। विश्व चैंपियनशिप्स में पुरुष और महिला, दोनों ही वर्ग की 100 मीटर दौड़ में शैली के अलावा किसी अन्य एथलीट के पास पांच गोल्ड मेडल नहीं हैं। शैली ने चैंपियनशिप इतिहास का सबसे तेज समय 10.67 सेकेंड निकालते हुए अमेरिका की मेरियन जोन्स का 10.70 सेकेंड के समय का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया।

पोल वॉल्ट में अमेरिका का दबदबा

मेजबान अमेरिका के एथलीट लगातार टूर्ना्मेंट में अपना दबदबा बनाए जा रहे हैं। महिलाओं की पोल वॉल्ट स्पर्धा के फाइनल में टोक्यो ओलंपिक चैंपियन अमेरिका की केटी नगेओट ने 4.85 मीटर की ऊंचाई तक छलांग लगाई और गोल्ड जीता। अमेरिका की ही सैंडी मॉरिस को सिल्वर मिला जबकि ब्रॉन्ज ऑस्ट्रेलिया की नीना कैनेडी के नाम रहा। केटी अमेरिका के लिए इस स्पर्धा में 10 साल बाद गोल्ड लाई हैं। साल 2011 में अमेरिका की स्टेसी ड्रागिला ने विश्व चैंपियनशिप्स का पोल वॉल्ट गोल्ड जीता था।

खास बात ये रही कि दूसरे स्थान पर रही सैंडी ने भी गोल्ड जीतने वाली केटी के बराबर ही 4.85 मीटर की ऊंचाई नापी, लेकिन केटी ने अपने पहले प्रयास में ये ऊंचाई छुई जबकि सैंडी ने दूसरे प्रयास में इस ऊंचाईं की छलांग लगाईं, इस कारण गोल्ड केटी को दिया गया।

Edited by Prashant Kumar