चीन के सूजोऊ ओलम्पिक स्पोर्ट्स सेंटर में भारत और चीन के बीच खेला गया मैत्री मैच 0-0 से ड्रॉ रहा। 21 साल बाद दोनों देशों के बीच मुकाबला हुआ। भारतीय टीम ने चीन में जाकर पहला मैच खेला और बहुत बढ़िया प्रदर्शन किया। चीन की टीम 7 बार भारत में आकर मैच खेल चुकी है।
भारतीय गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू ने जबरदस्त खेल का प्रदर्शन करते हुए कई मौकों पर बचाव किया। उन्हें रक्षा पंक्ति से भी बखूबी साथ मिला। चीन की टीम ने लगातर आक्रमण किये लेकिन भारतीय खिलाड़ी चुस्त और मुस्तैद रहे और अंत तक कड़ी मेहनत करते रहे जिसकी बदौलत मेजबान टीम को जीत नसीब नहीं हो पाई तथा स्कोर भी 0-0 रहा।
मेजबान टीम ने शुरुआत में ही आक्रमण किये और भारतीय रक्षा पंक्ति पर दबाव बनाने की कोशिश की। उन्हें तीसरे मिनट में ही पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन इसका फायदा उठाने में चीनी खिलाड़ी नाकाम रहे। भारतीय डिफेंडर संदेश झिगन ने मेजबान टीम को गोल कर बढ़त बनाने से रोक दिया। उन्होंने तीसरे मिनट के बाद सातवें मिनट में मेजबान खिलाड़ी को हेडर से गोल करने में नाकाम कर दिया।
इससे पहले दोनों देशों के बीच 17 बार भिडंत हुई, भारतीय टीम को एक मैच में भी जीत नहीं मिली। चीन की टीम 12 मैच जीतने में कामयाब रही और 5 मुकाबले ड्रॉ रहे। चीन की टीम फीफा रैंकिंग में 76 नम्बर पर है। एशिया में चीन की टीम मजबूत मानी जाती है, यह सातवें स्थान पर काबिज है। टीम इंडिया चीन के मुकाबले थोड़ी कमजोर है। टीम इंडिया फीफा विश्वकप में एक बार भी जगह नहीं बना पाई लेकिन चीन की टीम 2002 में ऐसा करने में सफल रही थी।
भारतीय टीम का स्तर भी दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। सुनील छेत्री की अगुआई में टीम अच्छा कर रही है और कई मौकों पर यह साबित भी हुआ है।