भारतीय खेल मंत्रालय ने बैडमिंटन खिलाड़ियों को जानकारी दी है कि सरकार टोक्यो आशाओं के लिए मार्च में कोविड-19 वैक्सीन की शुरूआत की योजना बना रही है। हालांकि, अभी तक तारीखों का फैसला नहीं हुआ है। बैडमिंटन ओलंपिक क्वालीफिकेशन विंडो मार्च में स्विस ओपन से शुरू होकर मई में इंडियन ओपन तक चलने वाली है, समय पर वैक्सीनेशन से सुनिश्चित होगा कि भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी वायरस के कारण इवेंट में हिस्सा नहीं लें।
वैक्सीनेशन योजना का फैसला उच्च-स्तरीय बैठक में हुआ, जिसमें खेल मंत्रालय, भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) और टॉप भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू, किदांबी श्रीकांत, बी साईं प्रणीत, सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी व चिराग शेट्टी शामिल थे। इस बैठक की अध्यक्षता खेल सचिव रवि मित्तल ने की। बीएआई सचिव अजय सिंघानिया और टार्गेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) सीईओ राजेश राजगोपालन भी इस मौके पर मौजूद थे।
चिराग शेट्टी ने हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में कहा, 'मैं जरूर वैक्सीन लूंगा, भले ही यह 90 प्रतिशत प्रभावी हो। इससे बड़ी राहत मिलेगी। भारतीय बैडमिंटन टीम को थाईलैंड में काफी मुश्किल हुई थी। भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों को अपना नाम वापस लेना पड़ा और हमारा हिस्सा लेना भी खतरे में था।' थाईलैंड ओपन के दो और बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर फाइनल्स में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों ने कोविड के कारण कड़ा समय गुजारा।
कोविड-19 वैक्सीन से भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों को होगा फायदा
पहले थाईलैंड ओपन से पूर्व साइना नेहवाल और एचएस प्रणय कोविड-19 टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए थे। इससे पूरे भारतीय दल की चिंता बढ़ गई थी। हालांकि, यह नतीजे बाद में गलत निकले और मैचों का दोबारा आयोजन किया गया, जिसमें पहले दिन भारतीय सपोर्ट स्टाफ को अनुमति नहीं मिली।
दूसरे थाईलैंड ओपन में बी साईं प्रणीत पॉजिटिव निकले, इसके चलते उनके रूममेट किदांबी श्रीकांत को कोविड-19 प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए टूर्नामेंट से अपना नाम वापस लेना पड़ा। हालांकि, बाद में यह नतीजा आया कि साई का नतीजा भी गलत था। चिराग शेट्टी ने कहा, 'अगर हमारा वैक्सीनेशन हो जाएगा, तो इस तरह की स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा। हमें इन सब चीजों से नहीं जूझना पड़ेगा और पूरा ध्यान ओलंपिक क्वालीफायर्स पर रहेगा।'
खिलाड़ियों से गुजारिश की गई थी कि टूर्नामेंट के दौरान अकेले कमरे में रहे, ताकि इस तरह की घटनाओं से न गुजरना पड़े, जिसे स्वीकार किया गया था। भारत में कोविड-19 वैक्सीनेशन की शुरूआत 16 जनवरी से हुई, जिसमें फ्रंटलाइन वर्कर्स और स्वास्थ्य कर्मियों को प्राथमिकता दी गई।