भारत के बैडमिंटन खिलाड़ी समीर वर्मा ने डेनमार्क ओपन के पुरुष एकल प्री-क्वार्टर फाइनल में बहुत बड़ा उलटफेर करते हुए विश्व नंबर 3 खिलाड़ी डेनमार्क के एंडर्स एंटोन्सन को सीधे सेटों में मात देकर क्वार्टर-फाइनल में जगह बनाई। महिला सिंगल्स में भारत की ओर से पीवी सिंधू पहले ही क्वार्टर-फाइनल में जगह बना चुकी हैं।
पहले सेट से दबदबा
देर रात हुए मुकाबले में विश्व रैंकिंग में 28वें नंबर पर काबिज वर्मा ने पहले सेट की शुरुआत से ही अपने इरादे साफ कर दिए थे। पहला सेट 21-14 से जीतने के बाद समीर ने दूसरे सेट में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया और सेट 21-18 से सेट अपने नाम करते हुए 21-14, 21-18 से मैच जीता। 26 साल के समीर ने एंटोन्सन को पूरे मैच में कड़ी टक्कर दी। Giant Killer के नाम से मशहूर वर्मा ने इसी साल थाईलैंड ओपन में विश्व नंबर 10 मलेशिया के ली झी को हराया था, और इससे पहले वर्तमान विश्व नंबर 1 केंतो मोमोतो को भी मात दे चुके हैं।
भारत की ओर से पुरुष सिंगल्स में समीर के अलावा कोई भी खिलाड़ी क्वार्टर-फाइनल में नहीं पहुंचा है। किदाम्बी श्रीकांत विश्व नंबर 1 जापान के मोमोतो से प्री-क्वार्टर फाइनल में हारे जबकि लक्ष्य सेन विश्व नंबर 2 और टोक्यो ओलंपिक चैंपियन डेनमार्क के एक्सलसन के खिलाफ हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो चुके हैं। 20 साल के लक्ष्य सेन एक समय पहले सेट में 8-6 से आगे चल रहे थे, लेकिन एक्सलसन ने मुकाबला 21-15, 21-7 से अपने नाम कर सेन को टूर्नामेंट से बाहर कर दिया।
ये एक रोचक संयोग था कि डेनमार्क ओपन के प्री-क्वार्टर फाइनल में विश्व के नंबर 1, 2 और 3 खिलाड़ियों का सामना भारत के खिलाड़ियों के साथ हुआ। समीर का अगला मुकाबला इंडोनिशिया के टॉमी सुगिरातो से होगा जो विश्व रैंकिंग में नंबर 32 पर हैं। ऐसे में समीर के पास मौका है अपना पूरा जोर लगाते हुए क्वार्टर-फाइनल जीतकर सेमीफाइनल तक पहुंचने का। समीर वर्मा पहली बार डेनमार्क ओपन के क्वार्टर-फाइनल में पहुंचे हैं। भारत की ओर से 1980 में प्रकाश पादुकोण और 2017 में किदाम्बी श्रीकांत ने इस खिताब को जीता था। इनके अलावा महिला सिंगल्स में सिर्फ 1 बार 2012 में साइना नेहवाल ने इस खिताब को जीतने में कामयाबी हासिल की है।