पैर में चोट हो, लेकिन फिर भी देश को जीत दिलाने का जज्बा दिल में हो तो कुछ भी हो सकता है। भारतीय बैडमिंटन स्टार एच एस प्रणॉय ने थॉमस कप के सेमीफाइनल में चोट के बावजूद भारत को डेनमार्क के खिलाफ निर्णायक मैच में जीत दिलाते हुए प्रतियोगिता के इतिहास में पहली बार फाइनल में पहुंचा दिया है। थाईलैंड में हो रही प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में डेनमार्क के खिलाफ भारत ने 3-2 से जीत दर्ज की। किदाम्बी श्रीकांत और एच एस प्रणॉय ने सिंग्लस मैच जीते तो चिराग शेट्टी-सात्विक की जोड़ी ने पुरुष डबल्स का मैच अपने नाम किया। फाइनल में रविवार को टीम इंडिया गत चैंपियन इंडोनिशिया का सामना करेगी जिसने दूसरे सेमीफाइनल में जापान पर 3-2 से जीत दर्ज की।
भारत के टॉप रैंकिंग वाले खिलाड़ी लक्ष्य सेन को पहले मैच में हार का सामना करना पड़ा। विश्व नंबर 9 सेन को विश्व नंबर 1 खिलाड़ी और टोक्यो ओलंपिक चैंपियन डेनमार्क के विक्टर एक्सलसन ने 21-13, 21-13 से मात दी। लक्ष्य की ये इस टूर्नामेंट में लगातार तीसरी हार थी। वो चीनी ताइपे और मलेशिया के खिलाफ भी अपने सिंगल्स मुकाबले हार चुके थे। इस हार के बाद भारतीय टीम 0-1 से पीछे हो गई।
दूसरा मैच पुुरुष डबल्स का था। विश्व रैंकिंग में आठवें नंबर की चिराग शेट्टी-सात्विक साईंराज की जोड़ी ने नंबर 9 किम एस्टर्प-मेथियास के खिलाफ बेहद रोमांचक मुकाबला 21-18, 21-23, 22-20 से जीता। सवा घंटे तक चले मैच में पहला सेट टीम इंडिया के नाम रहा जबकि दूसरे सेट में डेनिश जोड़ी ने जीत हासिल की। आखिरी सेट में चिराग-सात्विक एक समय पांच मैच प्वाइंट लिए आगे थे, लेकिन डेनमार्क की जोड़ी ने जबरदस्त वापसी कर स्कोर 20-20 से बराबर कर दिया। लेकिन इसके बाद भारतीय जोड़ी ने लगातार 2 अंक जीतकर मैच अपने नाम किया और भारत को 1-1 से बराबरी पर ला दिया।
विश्व नंबर 11 किदाम्बी श्रीकांत ने विश्व नंबर 3 एंडर्स एंटोनसन के खिलाफ बेहतरीन चुनौती पेश करते हुए 21-18, 12-21, 21-15 से जीत दर्ज की और भारत को 2-1 से आगे कर दिया। श्रीकांत ने पूरे मुकाबले में अपना संयम बनाए रखा। पहले सेट में जीत के बाद दूसरा सेट श्रीकांत ने गंवा दिया। तीसरे सेट में एक समय श्रीकांत 14-6 से आगे थे, लेकिन एंटोनसन ने वापसी कर अंतर 2 अंको का कर दिया। लेकिन श्रीकांत ने आखिरकार कुछ बेहतरीन शॉट खेलकर तीसरा सेट और मैच अपने नाम कर लिया। लेकिन चौथे मैच में विष्णुवर्धन-कृष्णप्रसाद पंजाल की जोड़ी को हार का सामना करना पड़ा जिस कारण टाई 2-2 से बराबर हो गई।
एच एस प्रणॉय भारत के लिए निर्णायक मुकाबले में उतरे। उनके सामने विश्व नंबर 13 रेस्मस गेमके थे। प्रणॉय ने इस मैच मे एक सेट हारने के बावजूद 13-21, 21-9, 21-12 से जीत दर्ज की। मैच के दौरान एक समय प्रणॉय फिसल गए जिससे उन्हें मोच भी आई। लेकिन प्रणॉय ने अंत तक इस चोट के साथ मैच खेला और आखिरकार टीम को पहली बार थॉमस कप के खिताबी मैच में पहुंचा दिया।