भारतीय शटलर्स जर्मनी में 10 नवंबर तक अटके रहेंगे

अजय जयराम
अजय जयराम

भारतीय शटलर्स अजय जयराम और शुभांकर डे 10 नवंबर तक जर्मनी में एकांतवास में रहेंगे, जिसके बाद वह घर लौट सकेंगे। शुभांकर डे ने शुक्रवार को कहा, 'भारतीय शटलर्स से स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों ने संपर्क किया और कहा कि टेस्‍ट के अलावा नियमों के मुताबिक हमें क्‍वारंटीन अवधि पूरी करनी होगी। हमने फ्रेंकफर्ट में भारतीय वाणिज्‍य दूतावास से भी संपर्क किया, जिन्‍होंने हमें कहा कि स्‍थानीय स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों की बात हमें माननी होगी।'

दोनों भारतीय शटलर्स को सारलोरलक्‍स ओपन से हटना पड़ा और बुधवार को क्‍वारंटीन होना पड़ा क्‍योंकि टीम के साथी लक्ष्‍य सेन के पिता कम कोच डीके सेन वायरस के संपर्क में आए हैं। जी हां, डीके सेन कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं। पिता के कोविड-19 का परिणाम सामने आने के बाद भारतीय शटलर्स में से लक्ष्‍य सेन ने भी टूर्नामेंट से अपना नाम वापस लिया। डीके सेन से मिलने से पहले टेस्‍ट में निगेटिव पाए जाने के बाद भारतीय शटलर्स अजय जयराम और शुभांकर डे ने दोबारा टेस्‍ट कराने की ठानी ताकि घर लौट सके। मगर तभी जर्मनी ने 2 नवंबर को एक महीने का लॉकडाउन लगा दिया।

भारतीय शटलर्स की मदद को आगे आया बाई

जहां भारतीय शटलर्स अजय जयराम, शुभांकर डे और लक्ष्‍य सेन व फिजियोथेरेपिस्‍ट अभिषेक वाघ को 10 नवंबर तक क्‍वारंटीन रहना होगा। वहीं डीके सेन की अवधि 6 नवंबर तक रहेगी। अगर उनमें कोई संक्रमण नजर नहीं आए तो उन्‍हें 48 घंटे पहले रिलीज कर दिया जाएगा। भारतीय शटलर्स अजय जयराम और शुभांकर डे को तब राहत मिली जब भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने घोषणा की कि उन्‍हें क्‍वारंटीन अवधि के दौरान खर्च मिल जाएगा।

अजय जयराम ने कहा, 'साई ने कहा कि सोमवार तक हमें फंड मिल जाएंगे।' भारतीय बैडमिंटन संघ (बाई) ने शुक्रवार को ट्वीट के जरिये कहा कि विश्‍व बैडमिंटन संघ भारतीय शटलर्स की मदद करेगा। ट्वीट में कहा गया कि बाई गुरुवार से भारतीय शटलर्स के संपर्क में हैं।

जहां भारतीय शटलर्स अजय जयराम और शुभांकर डे एकसाथ रुके हैं, वहीं सेन अलग होटल में ठहरे हैं। डीके सेन ने कहा, 'मैं अच्‍छा महसूस कर रहा हूं। कोई संक्रमण नहीं हैं। हम जल्‍द से जल्‍द लौटना चाहते हैं।'

भारतीय शटलर्स और कोचिंग स्‍टाफ के लिए जरूरी था कि पहुंचने के 48 घंटे पहले और पहुंचने पर टेस्‍ट कराएं। 23 अक्‍टूबर को जयराम और डे के टेस्‍ट निगेटिव आए और वो विएना के लिए रवाना हुए। लक्ष्‍य, उनके पिता और वाघ ने डेनमार्क में टेस्‍ट नहीं कराया और जर्मनी में भी।

Edited by Vivek Goel