इंडोनिशिया की पुरुष बैडिमिंटन टीम ने पिछली बार की विजेता चीन को हराकर थॉमस कप का खिताब जीत लिया है। टीम बैंडमिंटन की विश्व चैंपियनशिप इस प्रतियोगिता के फाइनल में इंडोनिशिया ने शुरुआती तीनों मुकाबले जीतते हुए 19 साल बाद इस ट्रॉफी को अपने नाम किया। इंडोनिशिया की टीम का ये रिकॉर्ड 14वां थॉमस कप खिताब है।
इंडोनिशिया का जबर्दस्त खेल
डेनमार्क में खेली जा रही प्रतियोगिता के फाइनल में पहला एकल मुकाबला विश्व नंबर 5 इंडोनिशिया के एंथनी जिनटिंग और विश्व नंबर 22 चीन के लिंग ग्वांग झू के बीच हुआ। चीन के झू ने पहला सेट 21-18 से अपने नाम कर लिया, लेकिन इसके बाद टोक्यो ओलंपिक के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट जिनटिंग ने पूरा जोर लगाया और अगले दोनो सेट 21-14, 21-16 से जीतकर मुकाबला अपने नाम किया।
दूसरा मुकाबला डबल्स का था जो इंडोनिशिया के फजर अल्फियान और मुहम्मद रियान की जोड़ी ने चीन के हे जि टिंग और झोउ की जोड़ी को 21-12, 21-19 से हराया। तीसरा मुकाबला 7वीं विश्व रैंकिंग वाले इंडोनिशिया के जॉनाथन क्रिस्टी और 59वीं रैंकिंग वाले चीन के ली शी फेंग के बीच था। ये मैच क्रिस्टी ने से जीतकर इंडोनिशिया को 3-0 से खिताब दिला दिया जबकि चीन को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। डेनमार्क और जापान की टीमों को सेमीफाइनल में हारने के बाद कांस्य पदक मिला। भारत की टीम पहले ही क्वार्टर-फाइनल में हारकर बाहर हो चुकी थी।
लिया 2018 का बदला
2018 में इंडोनिशिया की टीम को थॉमस कप के सेमीफाइनल में चीन के हाथों हार का सामना करना पड़ा था और चीन ने फाइनल में जापान को हराकर खिताब जीता था। इस बार इंडोनिशिया ने फाइनल जीतकर चीन के दबदबे को कम किया है और अपनी बादशाहत साबित की। इंडोनिशिया सबसे ज्यादा 14 बार ये खिताब जीत चुका है जबकि चीन 10 बार इसका चैंपियन बना है। मलेशिया के पास 5 बार थॉमस कप जीतने का इतिहास है, वहीं जापान ने 2014 में पहली बार इस चैंपियनशिप को जीता। डेनमार्क इकलौता गैर-एशियाई मुल्क है जिसने थॉमस कप को जीता है। साल 2014 में डेनमार्क ने ये कामयाबी हासिल की थी।