बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप में लक्ष्य, किदाम्बी भारत की प्रबल उम्मीद, डबल्स में चिराग-सात्विक ला सकते हैं मेडल

पिछली बार लक्ष्य और किदाम्बी ने विश्व चैंपियनशिप में आपस में सेमिफाइनल खेला था
पिछली बार लक्ष्य और किदाम्बी ने विश्व चैंपियनशिप में आपस में सेमिफाइनल खेला था

22 अगस्त 2022 से जापान की राजधानी टोक्यो में BWF विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप का आगाज होने जा रहा है। साल 1977 में शुरु हुई इस प्रतियोगिता के विजेता को विश्व चैंपियन कहलाने का गौरव मिलता है। 2006 के बाद से हर साल होने वाली इस प्रतियोगिता में इस बार भारत के दो खिलाड़ी किदाम्बी श्रीकांत और लक्ष्य सेन खिताब के प्रबल दावेदारों में शामिल हैं।

श्रीकांत पिछले साल दूसरे नंबर पर रहकर सिल्वर जीतने में सफल रहे थे तो लक्ष्य ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। ऐसे में इस बार दोनों की कोशिश मेडल को गोल्ड में बदलने की होगी। पीवी सिंधू चोट के कारण टूर्नामेंट में नहीं खेल रहीं हैं, ऐसे में सेन, श्रीकांत से उम्मीदें और बढ़ गई हैं।

भारत की ओर से पुरुष सिंगल्स में लक्ष्य, किदाम्बी के अलावा एच एस प्रणॉय और बी साईं प्रणीत भी भाग ले रहे हैं। लेकिन लक्ष्य, किदाम्बी और प्रणॉय एक ही क्वार्टर में हैं, इसका मतलब ये कि क्वार्टरफाइनल तक इन तीन खिलाड़ियों में से कोई एक ही पहुंच पाएगा। प्रणॉय और लक्ष्य का सामना तीसरे दौर में हो सकता है।

इन दो खिलाड़ियों के अलावा भारत की उम्मीद के रूप में डबल्स में चिराग शेट्टी और सात्विक साईंराज की जोड़ी भी है। इस जोड़ी ने हाल ही में बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में देश को उसका पहला बैडमिंटन पुरुष डबल्स गोल्ड दिलाया है।

महिला सिंगल्स में सबसे वैसे तो पीवी सिंधू की गैरमौजूदगी में भारत का पदक आना मुश्किल है। युवा खिलाड़ी मालविका बंसोड़ और अनुभवी साइना नेहवाल भारत की ओर से खेलेंगी। साइना पिछले काफी समय से खराब फॉर्म से जूझ रही हैं और ऐसे में अगर वो अच्छा प्रदर्शन करती हैं तो फैंस को भी खुशी होगी।

कैसी है भारत की मेडल टैली

भारत के लिए पहली बार पुरुष सिंगल्स में प्रकाश पादुकोण ने 1983 में इस प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में पहुंचकर कांस्य पदक जीता था। साल 2019 में बी साईं प्रणीत सेमीफाइनल में पहुंचकर ब्रॉन्ज हासिल करने में कामयाब हुए। 2021 में पहली बार पुरुष सिंगल्स में भारत को 1 सिल्वर और 1 ब्रॉन्ज मिला।

भारतीय महिलाओं में पीवी सिंधू सबसे सफल खिलाड़ी रही हैं। उन्होंने 2019 में विश्व चैंपियनशिप जीती। 2018 और 2017 में वो उपविजेता के रूप में सिल्वर अपने नाम करने में कामयाब रही थीं। जबकि 2013 और 2014 में उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। साइना नेहवाल ने 2015 में सिल्वर तो 2017 में ब्रॉन्ज मेडल जीता।

Quick Links