भारत के नंबर 1 पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी एच एस प्रणॉय ने मलेशिया मास्टर्स का खिताब जीत लिया है। विश्व नंबर 9 प्रणॉय ने कड़े फाइनल मैच में विश्व नंबर 34 चीन के वेंग हॉन्ग यांग को 21-19, 13-21, 21-18 से मात दी। 30 साल के प्रणॉय के करियर का यह पहला BWF वर्ल्ड टूर खिताब है।
प्रणॉय और यांग के बीच 94 मिनट तक फाइनल मुकाबला चलता रहा। पहले सेट में दोनों के ही बीच काफी कड़ी जंग देखने को मिली और अधिकतर समय स्कोर बराबरी पर चलता रहा। 16-16 से बराबरी होने के बाद प्रणॉय ने लगातार दो अंक बटोरे और इससे उन्हें सेट जीतने में कामयाबी मिली। दूसरे सेट में 9-9 से स्कोर बराबर होने के बाद यांग का प्रदर्शन बेहतर रहा और उन्हें इसमें जीत मिली। तीसरे और निर्णायक सेट में दोनों के बीच फिर रोमांचक भिड़ंत देखने को मिली, जहां अनुभव का फायदा उठाते हुए प्रणॉय ने जीत दर्ज की।
खास बात यह है कि प्रणॉय ने 6 सालों के बाद कोई एकल खिताब जीता है। आखिरी बार साल 2017 में उन्होंने यूएस ओपन ग्रैंड प्री गोल्ड का टाइटल हासिल किया था। ऐसे में मलेशिया मास्टर्स का खिताब जीतने पर प्रणॉय काफी भावुक भी हो गए। मलेशिया की राजधानी कुआलालम्पुर में 23 मई से इस सुपर 500 टूर्नामेंट का आयोजन किया जा रहा था। पुरुष सिंगल्स में भारत के लक्ष्य सेन दूसरे दौर में जबकि किदाम्बी श्रीकांत क्वार्टरफाइनल में हारकर बाहर हो गए थे। ऐसे में फैंस को प्रणॉय से ही जीत की उम्मीद थी और 'Giant Killer' के नाम से मशहूर इस खिलाड़ी ने देश के बैडमिंटन प्रेमियों को निराश नहीं किया।
साल 2013 में पीवी सिंधू ने यहां महिला सिंगल्स का खिताब जीता था और इस टूर्नामेंट को जीतने वाली पहली भारतीय बनी थी। सिंधू ने 2016 में भी यहां खिताब जीता जबकि साल 2017 में साइना नेहवाल यहां चैंपियन बनी। अब पूरे 6 सालों के बाद किसी भारतीय ने इस प्रतियोगिता को एक बार फिर अपने नाम किया है। पुरुष सिंगल्स में प्रणॉय की जीत से पहले विश्व नंबर 1 जापान की अकाने यामागूची ने महिला सिंगल्स का खिताब जीता।