सात्विक साईंराज और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने बैडमिंटन में नया इतिहास लिखते हुए एशियन गेम्स गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया है। 19वें एशियन गेम्स के पुरुष डबल्स बैडमिंटन फाइनल में भारतीय जोड़ी ने दक्षिण कोरिया के किम वोन हो और चोई सोल ग्यु की जोड़ी को 21-18, 21-16 से मात दी। एशियाड में पहली बार भारत को बैडमिंटन की किसी स्पर्धा में गोल्ड मिला है।
सात्विक और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने फाइनल में शुरुआत से विरोधी जोड़ी पर मजबूत अटैक करने का प्रयास किया लेकिन एक समय कोरियाई जोड़ी 17-14 से आगे हो गई। यहां पर सात्विक-चिराग ने वापसी कर लगातार अंक कमाए और सेट का रुख पलट इसे जीत लिया। दूसरे सेट में शुरुआत से ही भारतीय जोड़ी के पास बढ़त रही और 27 मिनट के खेल के बाद सात्विक-चिराग ने गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया।
यह एशियन गेम्स में पुरुष डबल्स में भारत को मिला दूसरा मेडल है। इससे पहले साल 1982 में लिरॉय फ्रांसिस और प्रदीप गांधी ने पुरुष डबल्स स्पर्धा में कांस्य जीता था। हांगझाओ गेम्स का यह भारत का तीसरा बैडमिंटन मेडल है। इससे पहले भारतीय पुरुष टीम ने सिल्वर जीता था जबकि पुरुष सिंगल्स में एच एस प्रणॉय ने कांस्य पदक हासिल किया था।
भारत के पास अब एशियन गेम्स इतिहास में बैडमिंटन के जरिए 1 गोल्ड, 3 सिल्वर और 10 ब्रॉन्ज समेत कुल 14 पदक प्राप्त हो गए हैं। सात्विक और चिराग भारत को बैडमिंटन गोल्ड दिलाने वाले पहले भारतीय हैं। इन दोनों की जोड़ी ने पिछले साल बर्मिंघम कॉमनवेल्थ खेलों में भी पुरुष डबल्स का ऐतिहासिक गोल्ड दिलाया था और अब नई जारी होने वाली BWF विश्व रैंकिंग में यह जोड़ी नंबर 1 बन जाएगी।
सात्विक-चिराग ने इस मेडल के साथ ही भारत का आंकड़ा 100 पदकों के आगे पहुंचा दिया है। यह इन एशियन गेम्स में भारत का 101वां पदक है। भारतीय दल का किसी भी एशियन गेम में यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। अभी भारत के खाते में 26 गोल्ड, 35 सिल्वर और 40 ब्रॉन्ज समेत कुल 101 पदक हो गए हैं।