भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों ने इतिहास रचते हुए बैडमिंटन एशिया मिक्स्ड टीम चैंपियनशिप 2023 के सेमीफाइनल में जगह बना ली है। दुबई में हो रही प्रतियोगिता के क्वार्टर-फाइनल में हांगकांग के खिलाफ शुरुआती दो मुकाबले हारने के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने वापसी कर शेष तीनों मैच जीते और इस प्रतियोगिता के इतिहास में पहली बार अपने लिए पदक पक्का किया। साथ ही टीम ने सुदीरमन कप के लिए भी क्वालीफाई कर लिया है। अब सेमीफाइनल में भारत का सामना टूर्नामेंट की सबसे मजबूत चीन की टीम से होगा।
सिंधू, चिराग-ध्रुव ने किया कमाल
ग्रुप स्टेज में तीनों टीमों को हराकर टॉप करने वाली भारतीय टीम को क्वार्टर-फाइनल की शुरुआत में काफी झटके लगे। मिक्स्ड डबल्स के मैच में ईशान-तनीषा की जोड़ी को हार मिली, तो वहीं पुरुष सिंगल्स में लक्ष्य सेन को नग का लॉन्ग ने 20-22, 21-19, 21-18 से हराकर हांगकांग को 2-0 से आगे कर दिया। तीसरे मुकाबले में चिराग शेट्टी-ध्रुव कपिला की जोड़ी विरोधी टीम की जोड़ी से पहला सेट हार गई। इसके बाद भारत की उम्मीदें काफी कम हो गई थीं। लेकिन चिराग-ध्रुव ने वापसी कर मैच 20-22, 21-16, 21-11 से जीता।
इसके बाद महिला सिंगल्स में दो बार की ओलंपिक मेडलिस्ट पीवी सिंधू ने हांगकांग की सलोनी मेहता को 16-21, 21-7, 21-9 से हराकर स्कोर 2-2 किया। पांचवा मैच निर्णायक रहा। त्रीसा जॉली-गायत्री गोपीचंद ने विरोधी टीम को आसानी से 21-13, 21-12 से हराया और भारत को 3-2 से जीत दिला अंतिम-4 में पहुंचा दिया। इसके साथ ही टूर्नामेंट में सेमीफाइनल में पहुंचने के कारण भारतीय टीम को कम से कम कांस्य पदक अवश्य मिलेगा।
साल 2017 में मिक्स्ड टीम चैंपियनशिप की शुरुआत होने के बाद से ही भारत ने कभी भी क्वार्टर-फाइनल से आगे जगह नहीं बनाई थी। 2017 में क्वार्टर-फाइनल में टीम थाईलैंड से 3-2 से हारी थी जबकि 2019 में तो टीम ग्रुप स्टेज में ही बाहर हो गई थी।
साल 2021 में प्रतियोगिता का आयोजन चीन में होना था लेकिन कोविड-19 प्रकोप की वजह से यह कैंसिल कर दी गई। अब चार सालों के बाद हो रही प्रतियोगिता में भारत ने इतिहास रचा है। शनिवार को भारतीय टीम सेमीफाइनल में चीन का सामना करेगी, जबकि दूसरे सेमीफाइनल में थाईलैंड और दक्षिण कोरिया का मुकाबला होगा।