भारत की बैडिमिंटन सनसनी 20 साल के लक्ष्य सेन ने टोक्यो ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट और विश्व नंबर 1 खिलाड़ी डेनमार्क के विक्टर एक्सलसन को हराते हुए जर्मन ओपन के फाइनल मुकाबले में प्रवेश कर लिया है। सेन ने एक्सलसन को बेहद कड़े मुकाबले में 21-13, 12-21, 22-20 से मात देते हुए ये कारनामा किया।
हार के मुंह से छीनी जीत
12वीं विश्व रैंकिंग वाले लक्ष्य ने पहला सेट 21-13 से जीतकर एक्सलसन समेत सभी बैडमिंटन प्रेमियों को चौंका दिया था। दूसरे सेट में एक्सलसन ने वापसी की और अपने तेज अटैक से 21-12 से सेट जीत लिया। तीसरे और निर्णायक सेट में एक समय लक्ष्य 16-19 से पीछे चल रहे थे। लेकिन सेन ने हैरान करने वाला खेल दिखाया और न सिर्फ स्कोर बराबरी पर लाए बल्कि जैसे ही गेम प्वाइंट मिला उन्होंने बेहतरीन शॉट लगाकर 22-20 से सेट अपने नाम कर एक्सलसन को तीन सेटों में मात दी। अब सेन फाइनल में थाईलैंड की कुनलवुत विदितसर्न से भिड़ेंगे।
विदितसर्न 2017, 2018, 2019, लगातार तीन सालों तक विश्व जूनियर बैडमिंटन चैंपियन रहे हैं।खास बात ये है कि लक्ष्य और विदितसर्न एक-दूसरे के खेल से अच्छे से वाकिफ हैं और 2018 में विश्व जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप में विदितसर्न ने लक्ष्य को सेमीफाइनल में हराया था और फाइनल में चैंपियन बने थे। जर्मन ओपन इतिहास में सिर्फ एक भारतीय खिलाड़ी अरविंद भट्ट ने साल 2014 में पुरुष सिंगल्स का खिताब अपने नाम किया है। ऐसे में अगर सेन फाइनल जीतते हैं तो ऐसा करने वाले दूसरे भारतीय होंगे।
लक्ष्य की यह जीत कोई तुक्का नहीं है बल्कि पिछले 2 सालों में इस युवा खिलाड़ी ने प्रोफेशनल बैडमिंटन सर्किल में सीनियर स्तर पर कुछ ऐतिहासिक मैच खेलते हुए जीत हासिल की है। लक्ष्य ने इसी साल जनवरी में इंडियन ओपन के फाइनल में विश्व चैंपियन सिंगापुर के लोह कीन यू को हराते हुए खिताब अपने नाम किया था। उससे पहले पिछले साल के अंत में लक्ष्य ने विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में सेमीफाइनल तक का सफर तय किया, जहां हमवतन किदाम्बी श्रीकांत ने उन्हें कड़े मुकाबले में हराया था। लक्ष्य विश्व चैंपियनशिप का ब्रॉन्ज जीतने वाले सबसे युवा भारतीय भी बने थे।