बैडमिंटन की दुनिया की सबसे पुरानी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप का आगाज 16 मार्च से होने जा रहा है। टूर्नामेंट में दुनिया के सभी टॉप बैडमिंटन खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप के बराबर दर्जा रखने वाले इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में इस बार भारत लक्ष्य सेन, किदाम्बी श्रीकांत के रूप में पुरुष सिंगल्स में तो पीवी सिंधू के रूप में महिला सिंगल्स में मजबूत दावेदारी पेश कर रहा है। खराब फॉर्म से जूझ रही साइना नेहवाल भी सिंगल्स में भाग लेंगी। ऐसे में भारत की उम्मीदों पर एक नजर डालते हैं -
1) लक्ष्य सेन
हाल ही में जर्मन ओपन के सेमीफाइनल में 20 साल के लक्ष्य सेन ने जिस अंदाज में दुनिया के नंबर 1 बैडमिंटन खिलाड़ी विक्टर एक्सलसन को मात दी, वो सेन के गजब डिफेंस का सबूत था। डेनमार्क के एक्सलसन पिछले ही साल टोक्यो ओलंपिक चैंपियन भी बने थे, और अपने तेज गेम के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में सेन की उनपर जीत मनोबल बढ़ाने वाली है। सेन ने इस साल जनवरी में इंडिया ओपन का खिताब जीता था, और पिछले साल के अंत में विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप का ब्रॉन्ज भी अपने नाम किया था। ऐसे में इस बार ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप में वो अपने पहले पदक की तलाश में होंगे। सेन ने 2020 में पहली बार टूर्नामेंट में भाग लिया था। खास बात यह है कि तब दूसरे दौर में एक्सलसन ने ही उन्हें हराकर बाहर किया था जबकि पिछले साल वो क्वार्टर-फाइनल तक पहुंचे थे।
पहले दौर में लक्ष्य सेन भारत के ही सौरभ वर्मा से भिड़ेंगे।
2) किदाम्बी श्रीकांत
श्रीकांत ने पिछले साल विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप का सिल्वर मेडल प्राप्त किया था। लेकिन पिछले 2018 में श्रीकांत दूसरे दौर में हारकर बाहर हो गए थे। 2019 में पहली वरीयता प्राप्त जापान के केंतो मोमोता ने श्रीकांत को क्वार्टर फाइनल में हराया था जबकि 2020 में तो श्रीकांत पहले दौर की बाधा भी पार नहीं कर पाए थे। पिछले साल भी श्रीकांत पहले ही राउंड में हारकर बाहर हो गए थे। श्रीकांत इस चैंपियनशिप में कम से कम क्वार्टर-फाइनल से आगे का सफर तय जरूर करना चाहेंगे। अपने फुट मूवमेंट और नेट गेम को मजबूत कर श्रीकांत इस बार ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप में कड़ी चुनौती दे सकते हैं।
पहले दौर में श्रीकांत का सामना थाईलैंड के कांतोफोन वांगचरोएन से होगा।
3) पीवी सिंधू
दो बार की ओलंपिक मेडलिस्ट सिंधू साल 2018 और 2021 में ऑल इंग्लैंड के सेमीफाइनल मे पहुंची थी और ये उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। पिछले साल सिंधू कोई भी बड़ा टूर्नामेंट नहीं जीत पाईं थीं, और उनके नाम टोक्यो ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडल रहा था। लेकिन इस साल की शुरुआत में सिंधू इंडिया ओपन के फाइनल में पहुंची और उसके बाद सैयद मोदी इंटनरेशनल का खिताब जीता। लेकिन पिछले हफ्ते फिर जर्मन ओपन के दूसरे दौर में ही वो हारकर बाहर हो गईं। सिंधू महिला सिंगल्स में मजबूत दावेदार जरूर हैं लेकिन उनके परफॉर्मेंस में निरंतरता देखने को नहीं मिली है। सिंधू और साइना नेहवाल एक ही हाफ में हैं, दोनों खिलाड़ी तीसरे दौर में एक-दूसरे के आमने-सामने हो सकती हैं। इस बार उन्हें छठी वरीयता मिली है।
पहले दौर में सिंधू का सामना चीन की वांग झी यी से होगा।
4) साइना नेहवाल
साइना नेहवाल कागजों पर भारत की उम्मीद लग रही हैं लेकिन पिछले कुछ सालों में उनका प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा है। चोट से कई मौकों पर जूझी साइना खुद से काफी निचली रैंकिंग की युवा खिलाड़ियों के आगे हारतीं दिखी हैं। इस साल इंडिया ओपन और जर्मन ओपन, दोनों के ही दूसरे दौर में हारकर साइना बाहर हो गईं थीं।
साल 2021 में ओर्लींस मास्टर्स के सेमीफाइनल में पहुंचना साइना का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। 2012 लंदन ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडलिस्ट साइना 2020 टोक्यो ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई ही नहीं कर पाईँ थीं। लेकिन साइना ऑल इंग्लैंड में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। साल 2010 और 2013 में सेमीफाइनल तक पहुंची साइना ने साल 2015 में फाइनल तक का सफर तय किया था और ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं थीं। हालांकि उन्हें स्पेन की कैरोलीना मरीन ने तीन सेट तक चले मुकाबले में मात दी थी। वर्तमान परिस्थिति में यह मंच साइना की वापसी के लिए बेहतरीन अवसर हो सकता है।
पहले दौर में साइना नेहवाल थाईलैंड की पोर्नपावी चोचुवांग के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेंगी।
भारत की ओर से खेल रहे खिलाड़ी -
पुरुष सिंगल्स - किदाम्बी श्रीकांत, लक्ष्य सेन, एचएस प्रणॉय, बी साईं प्रणीत, समीर वर्मा, सौरभ वर्मा,पी कश्यप
महिला सिंगल्स - पीवी सिंधू, साइना नेहवाल
पुरुष डबल्स - स्वास्तिकराज रणकिरेड्डी - चिराग शेट्टी, कृष्ण प्रसाद गर्ग-विष्णुवर्धन पंजाल, एमआर अर्जुन-ध्रुव कपिला
महिला डबल्स - अश्विनी पोनप्पा-एन सिक्की रेड्डी
मिक्स्ड डबल्स - वेंकट गौरव-जूही देवांगन, ईशान भटनागर-तनीषा क्रास्टो,