ओरलींस मास्टर्स : भारत के प्रियांशु राजावत ने जीता खिताब, इस सीजन ट्रॉफी जीतने वाले देश के पहले सिंगल्स खिलाड़ी बने

ओरलींस मास्टर्स के खिताब के साथ भारत के प्रियांशु राजावत।
ओरलींस मास्टर्स के खिताब के साथ भारत के प्रियांशु राजावत

भारत के युवा बैडमिंटन खिलाड़ी प्रियांशु राजावत ने ऐतिहासिक जीत के साथ ओरलींस मास्टर्स बैडमिंटन का पुरुष सिंगल्स खिताब जीत लिया है। 21 साल के प्रियांशु ने फाइनल में डेनमार्क के मैग्नस जॉहान्सन को हराते हुए अपने करियर की सबसे बड़ी ट्रॉफी जीती है। यही नहीं, इस साल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई भी BWF खिताब जीतने वाले वह पहले भारतीय सिंगल्स खिलाड़ी बने हैं।

प्रियांशु और मैग्नस के बीच उनके करियर की यह पहली भिड़ंत थी। विश्व रैंकिंग में जहां मैग्नस 49वें स्थान पर हैं तो वहीं प्रियांशु 53वें नंबर पर है। ऐसे में यह मैच बराबरी का होने की उम्मीद थी और ऐसा हुआ भी। पहले गेम की शुरुआत में स्कोर बराबरी पर चल रहा था।

7-7 से बराबरी के बाद प्रियांशु ने बढ़त बनाई और निश्चित अंतराल पर अंक कमाते हुए सेट 21-15 से जीता। दूसरे सेट में दोनों के बीच कड़ी टक्कर हुई, लेकिन मैग्नस ने 17-17 से बराबरी के बाद बढ़त बनाते हुए सेट 21-19 से जीता। निर्णायक सेट में 9-9 की बराबरी के बाद प्रियांशु ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और सेट 21-16 से जीतने के साथ ही मुकाबला भी अपने नाम किया।

प्रियांशु ने इस टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए फाइनल तक का सफर तय किया था। दूसरे दौर में टॉप सीड जापान के केंता निशिमोतो को हराकर प्रियांशु ने सभी को चौंका दिया था। प्रियांशु के अलावा कोई भी भारतीय सिंगल्स खिलाड़ी इस पूरे सीजन कोई ट्रॉफी नहीं जीत पाया है। ऐसे में प्रियांशु का यह खिताब काफी खास है। इस साल स्विस ओपन में सात्विक साईंराज-चिराग शेट्टी ने पुरुष डबल्स का खिताब जीता था।

प्रियांशु आनंद पवार के बाद ओरलींस मास्टर्स में कोई भी खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय हैं। पवार ने साल 2012 में यहां पुरुष सिंगल्स का खिताब जीता था, लेकिन तब यह इंटरनेशनल सीरीज की कैटेगरी में था। 2018 के बाद यह प्रतियोगिता सुपर 100 के वर्ग में शामिल हुई और पहली बार इसी साल इस टूर्नामेंट को सुपर 300 का दर्जा मिला है।