भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम के चार शीर्ष शटलर्स पूर्व कॉमनवेल्थ गेम्स गोल्ड मेडलिस्ट पारुपल्ली कश्यप, एचएस प्रणॉय और आरएमवी गुरुसाईदत्त कोविड-19 टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं, लेकिन सभी में संक्रमण नहीं है। डबल्स विशेषज्ञ प्रणव जेरी चोपड़ा कोविड-19 टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने वाले चौथे सदस्य हैं। सभी खिलाड़ी एकांतवास में हैं।
गोपीचंद एकेडमी के एक सूत्र ने पीटीआई को अपना नाम नहीं सामने लाने की शर्त पर बताया, 'कुछ दिनों पहले सुरक्षा मानकों का ध्यान रखते हुए खिलाड़ियों का आरटी-पीसीआर परीक्षण किया गया था। एक बैडमिंटन खिलाड़ी में काफी हल्के संक्रमण दिखे थे।
पारुपल्ली कश्यप, गुरुसाईदत्त, एचएस प्रणॉय और प्रणव जेरी चोपड़ा का नतीजा पॉजिटिव आया जबकि साइना का परिणाम निगेटिव रहा। हालांकि, गुरुसाईदत्त की पत्नी अमूल्या गुलापाली की रिपोर्ट भी निगेटिव आई।' अब सोमवार को खिलाड़ियों का दोबारा परीक्षण होगा।
पारुपल्ली कश्यप सहित बैडमिंटन खिलाड़ी पुलेला गोपीचंद एकेडमी में कर रहे हैं ट्रेनिंग
सूत्र ने कहा, 'ऐसे मामले रहे हैं जब कई बार पहले टेस्ट का नतीजा गलत पॉजिटिव आता है। इसलिए खिलाड़ियों को डॉक्टर्स सलाह देते हैं कि कुछ दिन इंतजार करें और फिर सोमवार को उनका दूसरा टेस्ट होगा।' जहां गुरुसाईदत्त ने अपनी शादी के कारण ब्रेक लिया हुआ है, वहीं पारुपल्ली कश्यप सहित अन्य खिलाड़ी पुलेला गोपीचंद एकेडमी में ट्रेनिंग कर रहे हैं।
गुरुसाईदत्त की शादी में भारतीय खिलाड़ी शामिल हुए थे, जिन्होंने हैदराबाद में 25 नवंबर को शादी की थी। ऐसे में सुरक्षा मानक का ध्यान रखते हुए गोपीचंद एकेडमी में ट्रेनियों का भी परीक्षण कराया गया था।
इससे पहले लक्ष्य सेन, अजय जयराम और शुभांकर डे पिछले महीने सारलोरलक्स ओपन से बाहर हो गए थे क्योंकि लक्ष्य के पिता व कोच डीके सेन कोविड-19 टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए थे। वहीं अगस्त में डबल्स खिलाड़ी सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी भी पॉजिटिव पाए गए थे, लेकिन अब वो ट्रेनिंग पर लौट चुके हैं।
याद हो कि कुछ समय पहले पारुपल्ली कश्यप अपनी पत्नी साइना नेहवाल व अन्य दोस्तों के साथ मालदीव्स छुट्टियां मनाने गए थे। कोविड-19 महामारी के कारण बैडमिंटन से ब्रेक चल रहा था और ऐसे में खिलाड़ियों ने बाहर छुट्टी मनाने की योजना बनाई थी। साइना नेहवाल ने इस दौरान काफी सुर्खियां बटोरी थीं क्योंकि उन्होंने कमाल की ड्रेसेस के फोटोज इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए थे। बहरहाल, ट्रेनिंग पर लौटने के बाद से सभी खिलाड़ियों का पूरा ध्यान बैडमिंटन पर लगा है। खिलाड़ियों की कोशिश ओलंपिक के लिए जगह हासिल करना और फिर टोक्यो ओलंपिक्स में मेडल जीतना है।