डेनमार्क ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप में भारतीय चुनौती समाप्त हो गई है। भारत की ओर से महिला सिंगल्स क्वार्टर-फाइनल में पहुंचने वाली पीवी सिंधु अपना मुकाबला हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गई, जबकि पुरुष सिंगल्स तक पहुंचे समीर वर्मा क्वार्टर-फाइनल में मैच के दौरान चोटिल होने के कारण बीच मुकाबले से हट गए।
सिंधु को मिली करारी हार
क्वार्टर-फाइनल में चौथी वरीयता प्राप्त सिंधु का सामना दक्षिण कोरिया की पांचवी वरीयता प्राप्त आन सियंग से था। मुकाबला बराबरी का होने की उम्मीद थी, लेकिन सियंग ने मैच सीधे सेटों में आसानी से 21-11, 21-12 से 36 मिनटों में जीत लिया। 19 साल की सियंग के सामने सिंधु का अनुभव किसी काम नहीं आया और टोक्यो ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडलिस्ट भारत की सिंधु लय से पूरी तरह बाहर नजर आईं। सियंग के बेहतरीन अटैक का सिंधु के पास कोई जवाब नहीं था और उन्होंने कई Unforced Errors भी की जिसका खामियाजा सेट गंवाकर करना पड़ा। टोक्यो ओलंपिक के बाद विश्व चैंपियन सिंधु का पहला टूर्नामेंट था। सिंधु साल 2015 में इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची थी जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। भारत के लिए इकलौती बार साल 2012 में साइना नेहवाल ने डेनमार्क ओपन महिला सिंगल्स का खिताब जीता था।
पुरुष एकल में भी चुनौती समाप्त
पुरुष एकल में भारत के समीर वर्मा भी क्वार्टर-फाइनल से बाहर हो गए। समीर वर्मा का सामना इंडोनिशिया के टॉमी सुगिआर्टो से था। पहला सेट 21-17 से हारने के बाद समीर वर्मा ने चोट के कारण मैच नहीं खेला और रिटायर हो गए। वर्मा ने प्री-क्वार्टर फाइनल में विश्व नंबर 3 एंडर्स एंटोन्सन को हराकर अंतिम-8 में जगह बनाई थी इसलिए क्वार्टर-फाइनल में उनसे बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद थी। वर्मा के साथ ही पुरुष एकल में भी भारत की चुनौती समाप्त हो गई। साई प्रणीत, किदाम्बी श्रीकांत, जैसे टॉप भारतीय पहले ही टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं। भारत के लिए पहली बार साल 1980 में प्रकाश पादुकोण ने डेनमार्क ओपन पुरुष सिंगल्स का खिताब जीता था जबकि 2017 में किदाम्बी श्रीकांत ने ये खिताब जीता था।