पीवी सिंधू फिलिपींस में खेली जा रही बैडमिंटन एशिया चैंपियनशिप से बाहर हो गई हैं। विश्व नंबर 7 और चौथी वरीयता प्राप्त सिंधू को महिला सिंगल्स के सेमीफाइनल में टॉप और मौजूदा विश्व चैंपियन जापान की अकाने यामागूची ने मात दी। यामागूची ने मैच 13-21, 21-19, 21-16 से जीतते हुए फाइनल में जगह बनाई। सिंधू की हार के साथ ही टूर्नामेंट में भारतीय चुनौती समाप्त हो गई। सेमीफाइनल तक पहुंचने के लिए सिंधू को कांस्य पदक जरूर मिलेगा और ये बैडमिंटन एशिया चैंपियनशिप में उनका दूसरा पदक होगा।
सिंधू ने पहला सेट 21-13 से जीता और फैंस को लगने लगा कि सिंधू यामागूची को अगले सेट में हरा देंगी। दूसरे सेट में दोनों खिलाड़ियों ने बेहद कड़ी टक्कर दी। लेकिन इस साल मार्च में ही ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप जीतने वाली यामागूची ने सिंधू को पछाड़ते हुए बेहद कम अंतर से 21-19 से दूसरा सेट जीता।
मैच के दौरान सिंधू की ऑफिशियल्स के साथ सर्व को लेकर थोड़ी बहस भी हुई जब दूसरे सेट में 14-12 से आगे रहने के बाद सिंधू को अपनी सर्व यामागूची को देनी पड़ी क्योंकि ऑफिशियल्स के मुताबिक सिंधू ने सर्विस करने में ज्यादा समय लिया। इसका नुकसान दूसरे सेट के स्कोर पर भी दिखा। तीसरे और निर्णायक सेट में यामागूची ने जीत दर्ज की।
आखिरी बार टूर्नामेंट का आयोजन 2019 में हुआ था और यामागूची ने तब महिला सिंगल्स का टाइटल जीता था। इस बार लगातार दूसरी बार खिताब जीतने के इरादे से वो फाइनल में उतरेंगी। खिताबी मैच में यामागूची का सामना चीन की वांग झी यी से होगा जिन्होने दूसरे सेमीफाइनल में दक्षिण कोरिया की आन सी यंग को 10-21, 21-12, 21-16 से मात दी।
सिंधू ने 2014 में पहली बार इस प्रतियोगिता का कांस्य जीता था और अब उनके पास दूसरी बार कांस्य पदक आया है। भारत के लिए महिला सिंगल्स में साइना नेहवाल ने तीन बार कांस्य पदक जीता है जबकि सिंधू के पास भी अब दो कांस्य हैं। महिला सिंगल्स में आज तक भारत की ओर से कोई खिलाड़ी खिताबी मुकाबले तक नहीं पहुंची है। जबकि प्रतियोगिता में इकलौता स्वर्ण पदक भारत के लिए साल 1965 में दिनेश खन्ना ने पुरुष सिंगल्स में जीता था।