ओलंपिक सिल्वर मेडलिस्ट पीवी सिंधू ने अगले महीने ओडेंसे में 13-18 अक्टूबर तक होने वाले डेनमार्क ओपन से अपना नाम वापस ले लिया है। गोपीचंद एकेडमी के एक सूत्र ने अपना नाम सामने न आने की शर्त पर पीटीआई से कहा, 'पीवी सिंधू डेनमार्क ओपन में हिस्सा नहीं लेंगी। उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया है।'
25 साल की विश्व चैंपियन पीवी सिंधू ने हाल ही में निजी कारणों का हवाला देकर थॉमस एंड उबर कप से भी अपना नाम वापस लिया था, लेकिन बाई अध्यक्ष हिमांता बिस्वा शर्मा के मनाने पर वह इसमें खेलने को राजी हो गई थीं। हालांकि, कोविड-19 महामारी के कारण कई शीर्ष टीमों के नाम वापस लेने के कारण थॉमस एंड उबर कप अगले साल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
बाई ने मंगलवार को खिलाड़ियों को एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि डेनमार्क ओपन में एंट्री लेने की जिम्मेदारी उनकी स्वयं की होगी। मौजूदा महामारी के कारण उनकी यात्रा और हिस्सा लेने की जिम्मेदारी खुद की होगी। खिलाड़ियों को 17 सितंबर तक बताना था कि वह इसमें हिस्सा लेंगे या नहीं। पीवी सिंधू ने पहले डेनमार्क ओपन में हिस्सा लेने का मन बनाया था। मगर अब पीवी सिंधू की योजना नवंबर में होने वाले एशिया ओपन 1 और एशिया ओपन 2 में लेने की है।
पीवी सिंधू ने भले ही डेनमार्क ओपन से अपना नाम वापस ले लिया है, लेकिन किदांबी श्रीकांत, लक्ष्य सेन और शुभांकर डे उन खिलाड़ियों में से हैं, जिन्होंने राजी पत्र भेजते हुए सुपर 750 इवेंट में हिस्सा लेने में दिलचस्पी दिखाई है। साइना नेहवाल और उनके पति पारुपल्ली कश्यप ने भी राजी पत्र भेजे हैं, लेकिन वह इस पर अंतिम फैसला टूर्नामेंट के करीब आने पर लेंगे।
पीवी सिंधू के करियर का टर्निंग प्वाइंट
बता दें कि पीवी सिंधू ने हाल ही में बताया था कि उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट क्या रहा था। पीवी सिंधू ने कहा था, 'जब मैंने खेलना शुरू किया था तो अच्छा प्रदर्शन कर रही थी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दमदार नहीं खेल पा रही थी। शुरूआती करियर में मैं क्वालीफाइंग या पहले राउंड में हार जाती थी। मुझे एहसास हुआ कि कड़ी मेहनत करना होगी और फिर ऐसा ही किया। मुझे बहुत दुखी होती थी कि क्या गलती कर रही हूं। मैं अन्य शटलरों जैसे कड़ी मेहनत कर रही थी, लेकिन नतीजा पक्ष में नहीं आ रहा था।'
पीवी सिंधू ने आगे कहा, 'मेरे ख्याल से करियर का टर्निंग प्वाइंट रहा 2012 में जब ओलंपिक चैंपियन ली झुरुई को मात दी। इसके बाद मैंने कड़ी मेहनत भी की और दिन प्रतिदिन मेरे खेल में सुधार भी आता गया।'