विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप : सात्विक-चिराग और ध्रुव-अर्जुन की जोड़ी ने क्वार्टरफाइनल में पहुंचकर रचा इतिहास

ध्रुव-अर्जुन (बाएं) और चिराग-सात्विक को जोड़ियां पहली बार अंतिम 8 में पहुंची हैं।
ध्रुव-अर्जुन (बाएं) और चिराग-सात्विक को जोड़ियां पहली बार अंतिम 8 में पहुंची हैं।

एक दिन पहले तक भारत के बैडमिंटन इतिहास में कोई भी पुरुष डबल्स की जोड़ी विश्व चैंपियनशिप के क्वार्टरफाइनल में नहीं पहुंची थी, लेकिन अब दो जोड़ियों ने एक साथ अंतिम 8 में जगह बना ली है। टोक्यो में खेली जा रही BWF विश्व चैंपियनशिप के पुरुष डबल्स क्वार्टरफाइनल में सात्विक साईंराज-चिराग शेट्टी और एमआर अर्जुन-ध्रुव कपिला की जोड़ी पहुंच गई हैं।

टूर्नामेंट में 7वीं सीड प्राप्त सात्विक-चिराग की जोड़ी ने तीसरे दौर में डेनमार्क के जेपे बे-लासे मोल्हेदे की जोड़ी को आसानी ने 21-12, 21-10 से हराकर अंतिम 8 में प्रवेश किया। बर्मिंघम कॉमनवेल्थ खेलों में देश को पहली बार पुरुष डबल्स का गोल्ड दिलाने वाली ये जोड़ी पिछली बार तीसरे दौर में हारकर बाहर हुई थी। लेकिन इस बार क्वार्टरफाइनल में पहुंच इतिहास रच दिया है। भारतीय जोड़ी क्वार्टरफाइनल में नंबर 2 सीड जापान के ताकुरो होकी-युगो कोबायाशी का सामना करेगी।

वहीं ध्रुव कपिला और एमआर अर्जुन की जोड़ी ने भी इतिहास रचते हुए अंतिम 8 में स्थान पक्का किया है। दूसरे दौर में 8वीं सीड जोड़ी को हराने वाली गैर वरीय भारतीय जोड़ी ने तीसरे दौर में सिंगापुर के ही योंग टैरी-लोह कीन हीन को 18-21, 21-15, 21-16 से मात दी। क्वार्टरफाइनल में इस जोड़ी का सामना तीसरी सीड इंडोनिशिया के मोहम्मद अहसान और हेंद्रा सेतियावान की जोड़ी से होगा। इस इंडोनिशियाई जोड़ी ने 2019 में विश्व चैंपियनशिप डबल्स का खिताब जीता था। ऐसे में ध्रुव और अर्जुन के लिए मुकाबला काफी कठिन होगा।

सात्विक-चिराग और ध्रुव-अर्जुन की जोड़ियां अगर अपने-अपने मैच जीत लेती हैं तो सेमीफाइनल में पहुंच जाएंगे और उनका कांस्य पदक तो कम से कम पक्का हो जाएगा। विश्व चैंपियनशिप के इतिहास में भारत ने डबल्स में सिर्फ 1 मेडल जीता है। यह मेडल महिला डबल्स में साल 2011 में ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी को प्राप्त हुआ था।