वर्ल्ड चैंपियन पीवी सिंधू का थाईलैंड ओपन के क्वार्टर फाइनल में सफर समाप्त हो गया। समीर वर्मा भी चुनौतीपूर्ण मैच में पराजित हुए। पीवी सिंधू ने अपने मुकाबले में भरपूर गलतियां की, जिसका उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ा। सात्विक साइराज रंकीरेड्डी ने हालांकि मिश्रित और पुरूष युगल क्वार्टरफाइनल में अश्विनी पोनप्पा और चिराग शेट्टी के साथ मिलकर दो जीत दर्ज कीं।
पीवी सिंधू में मैच के दौरान उस खिलाड़ी की झलक नहीं दिखी, जिसने 2019 में विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड जीता था। सिंधू ने घरेलू प्रबल दावेदार रतचानोक इंतानोन के खिलाफ काफी 'अनफोर्स्ड' गलतियां की, जिससे वह 13-21 9-21 से आसानी से हार गई। सिंधू ने मैच के बाद कहा, 'मैंने काफी 'अनफोर्स्ड' गलतियां कीं और मुझे लगता है कि मैंने आसानी से अंक दे दिये। मैं आज अपना बेहतरीन प्रदर्शन नहीं कर सकी। यह मेरा दिन नहीं था।'
पुरूष एकल में समीर को विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर काबिज एंडर्स एंटोनसेन से करीबी क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। डेनमार्क के खिलाड़ी ने 21-13 19-21 22-20 से जीत दर्ज की। सिंधू और समीर के हारने से टूर्नामेंट के एकल वर्ग में भारतीय चुनौती समाप्त हो गयी।
सिंधू ने किया निराश, सात्विक ने जगाई उम्मीद
पीवी सिंधू के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद डबल्स ने हालांकि फैंस को मुस्कुराने का मौका दिया, जिसमें सात्विक और अश्विनी की गैर वरीयता प्राप्त जोड़ी ने मिश्रित युगल के क्वार्टर फाइनल में मलेशिया की पेंग सून चान और लियू यिंग गोह की जोड़ी को एक घंटा 15 मिनट में 18-21, 24-22, 22-20 से शिकस्त देकर उलटफेर किया। विश्व रैंकिंग में 22वें स्थान पर काबिज भारतीय जोड़ी का सेमीफाइनल में सामना शीर्ष वरीय थाईलैंड के दचपॉल पुरावरपुकरोह और सपसिरि तेरतनचै से होगा।
सात्विक ने कहा, 'हम तीन बार उनसे खेल चुके हैं। दो बार जीते और एक बार हारे। हम आत्मविश्वास से भरे थे। हम जानते थे कि हमारी ताकत आक्रमण है। वे दबाव में थे। हम डटे रहे। हमें मौके मिले और हमने फायदा उठाया।'
इसके बाद सात्विक और चिराग ने एक अन्य मलेशियाई जोड़ी को शिकस्त दी। इस भारतीय युगल जोड़ी ने ओंग यियू सिन और टियो ए यि को 37 मिनट में 21-18 24-22 से पराजित किया। इससे पहले टोक्यो ओलंपिक में पदक की दावेदार सिंधू पूर्व विश्व चैम्पियन रतचानोक के खिलाफ फॉर्म से बाहर दिखीं। उन्होंने कहा, 'मेरे कुछ शॉट नियंत्रण से बाहर रहे। मैं कई बार बहुत ज्यादा ताकत से हिट कर रही थी। मुझे इससे बेहतर तरीके से शॉट पर नियंत्रण करना चाहिए था। अगर मैं पहला गेम जीत जाती तो चीजें काफी अलग हो सकती थीं।'
रतचानोक को सिंधू के खिलाफ पिछली तीन भिड़ंत में हार मिली थी। लेकिन उन्होंने काफी सकारात्मक खेल दिखाते हुए शुरू में ही तीन अंक की बढ़त बना ली जबकि सिंधू लेंथ पर नियंत्रण नहीं बना सकी। पहले गेम के ब्रेक तक थाईलैंड की खिलाड़ी ने चार अंक की बढ़त बना ली। सिंधू ने ब्रेक के बाद वापसी की कोशिश में स्कोर 13-13 से बराबर कर दिया। पर वह ज्यादा देर तक इसे कायम नहीं रख सकी और रतचानोक ने लगातार आठ प्वाइंट जीतकर बिना किसी परेशानी से पहला गेम अपनी झोली में डाला।
दूसरे गेम में भी कोई ज्यादा बदलाव नहीं हुआ सिंधू एक समय 1-7 से पिछड़ रही थीं और ब्रेक तक वह सात प्वाइंट से पीछे ही रहीं। ब्रेक के बाद रतचानोक ने 12 मैच प्वाइंट हासिल कर इस गेम को भी आसानी से जीत लिया।