चीन के नानजिंग में खेले गए वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में स्पेन की कैरोलिना मारिन ने भारत की पीवी सिंधु को 21-19, 21-10 से हराकर तीसरी बार स्वर्ण पदक पर कब्ज़ा किया। इससे पहले मारिन ने 2014 और 2015 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में खिताबी जीत हासिल की थी। पीवी सिंधु को लगातार दूसरे साल फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। पिछले साल भी उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा था। इसके अलावा उन्होंने 2013 और 2014 में सेमीफाइनल में पहुंचकर कांस्य पदक जीता था। मारिन ने फाइनल में सिंधु को कोई मौका नहीं दिया। पहला गेम हालाँकि थोड़ा रोमांचक रहा, लेकिन दूसरे गेम में मारिन ने एकतरफा जीत हासिल की। 13 मैचों में मारिन के खिलाफ सिंधु की यह सातवीं हार है। पुरुष सिंगल्स के फाइनल में जापान के केंटो मोमोटा ने चीन के शी युकी को 21-11, 21-13 से हराकर खिताब जीता। पुरुष डबल्स के फाइनल में चीन के ली जुनहुई और लिउ यूचेन की जोड़ी ने जापान के तकेशी कमुरा और केगो सोनोडा की जोड़ी को 21-12, 21-19 से हराकर खिताबी जीत हासिल की। महिला डबल्स के फाइनल में जापान की मायु मात्सुमोटो और वकाना नागाहारा की जोड़ी ने जापान की ही युकी फुकुशिमा और सयाका हिरोटो की जोड़ी को 19-21, 21-19, 22-20 से हराकर खिताब जीता। मिक्स्ड डबल्स के फाइनल में चीन के ज़्हैंग सिवेई और हुआंग याकिओंग की जोड़ी ने चीन की ही वांग यिलू और हुआंग डोंगपिंग की जोड़ी को 21-17, 21-19 से हराकर खिताबी जीत हासिल की।