यमन की राजधानी साना में महिलाएं लंबी बाहें वाली एथलेटिक्स शर्ट पहनकर बास्केटबॉल कोर्ट पहुंची। वह व्हीलचेयर पर बैठकर गेंद को ड्रिबल करती दिखीं, साथियों को गेंद पास देते हुए नजर आईं। कम मात्रा में मौजूद दर्शक भी बास्केटबॉल खेलने वाली लड़कियों का उत्साह बढ़ाते हुए नजर आए। अमल हिजाम ने कहा, 'अगर यमन के लोग युद्ध से चिंतित हैं तो दिव्यांग इनसे दोहरी मुश्किल में है।'
अरब का सबसे गरीब देश हितों के टकराव, कोरोना वायरस महामारी और मानव संकट से ग्रस्त है, जिसे यूनाइटेड नेशंस भी दुनिया का सबसे खराब करार दे चुका है। मगर इन सबके बावजूद स्थानीय व्हीलचेयर बास्केटबॉल चैंपियनशिप सना में इस महीने जारी रहा। वह रूका नहीं। पांच सभी-महिलाओं वाली टीमें प्रतियोगिता का हिस्सा हैं। यह अपने आप में दूसरी तरह की प्रतियोगिता है, जिसमें अल-इरादा- भविष्य शामिल है।
2015 के बाद से यमन में दसियों हजार लोग मारे गए हैं, जब सउदी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने सरकार का समर्थन करने के लिए हस्तक्षेप किया था, जिसके एक साल पहले हूती विद्रोहियों ने सना पर नियंत्रण कर लिया था। सरकार और ईरान समर्थित हूथियों के बीच दो साल पहले संयुक्त राष्ट्र दलाली समझौते पर कुछ उम्मीद की पेशकश की थी, लेकिन एक शांतिपूर्ण समझौता अभी तक अमल में लाना है।
यमन में खेल सुविधा भी एक चुनौती
महिला खिलाड़ियों ने सिर चेहरा ढककर और हेडस्कार्फ पहनकर इकट्ठा हुई और इंडोर कोर्ट में लाल और हल्के हरे रंग से पेंट की गई स्पोर्ट्स व्हीलचेयर्स पर बैठकर बास्केट किए। यमन खेल संघ की सहायक निदेशक हिजाम ने कहा कि दिव्यांग लोगों के लिए टूर्नामेंट आयोजित कराने की पहल तो मुश्किल है। ऐसा संभव नहीं। अल-इरादा की 28 साल की खिलाड़ी तहनी अल ओमारी ने कहा, 'मेरी प्रार्थना है समाज उनको न देखें जो दिव्यांग हैं, और वो हमारी क्षमताओं पर नजर डाले। दिव्यांगता उपहार है, बाधा नहीं।'
व्हीलचेयर्स में बैठी युवा लड़कियां बास्केटबॉल कोर्ट पर आने के बाद काफी उत्साहित हैं और अपने खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने के लिए हवा में हाथ उठाकर चीयर कर रही हैं। यूएन के मुताबिक यमन विवाद से करीब 3.3 मिलियन लोगों को हटा दिया है। करीब 80 प्रतिशत जनता को मानवीय सहायता और संरक्षण की जरूरत है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े के मुताबिक यमन में करीब चार मिलियन लोग दिव्यांगता से ग्रस्त हैं।
राइट्स ग्रुप एमनेस्टी इंटरनेशनल ने पिछले साल कहा, 'यमन में दिव्यांगता से ग्रस्त लाखों लोग ने न सिर्फ आर्मी की लड़ाई देखी बल्कि बाहर निकाले गए लोगों में से भी रहे।' ओमारी ने कहा, 'हम चाहते हैं कि शामिल हो और समर्थन मिले। हम किसी भी क्षेत्र में शामिल हो सकते हैं। हमें विशेष व्हीलचेयर्स की जरूरत है खेलने के लिए और लोगों से मोरल सपोर्ट लेना चाहते हैं।'
कई टीमों के कोच अब्दो मोहम्मद जायेद ने कहा कि यमन में दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए क्लब और सुविधाओं की कमी एक और चुनौती है। उन्होंने कहा, 'टूर्नामेंट का लक्ष्य दिव्यांग लोगों को सामाजिक और निजी समर्थन देना है, जिससे उन्हें अपनी क्षमता और रचनात्मकता दिखाने की अनुमति मिल सके।'