एमसी मैरीकॉम और अन्य दो मुक्केबाजों को छोड़कर भारत के ओलंपिक संभावित मुक्केबाज 52 दिवसीय ट्रेनिंग कम प्रतियोगिता यात्रा पर इटली और फ्रांस जाएंगे। इससे वह टोक्यो ओलंपिक्स की तैयारी करेंगे। मैरीकॉम अभी डेंगू से ठीक हो रही हैं और उन्होंने कोविड-19 खतरे के कारण इस साल विदेश यात्रा नहीं करने का फैसला किया है। यूरोप का ट्रेंनिक काम 15 अक्टूबर से शुरू होगा। छह बार की विश्व चैंपियन और लंदर ओलंपिक्स की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट एमसी मैरीकॉम ने कहा, 'मैं डेंगू के कारण पिछले दो सप्ताह से ठीक नहीं हूं। मैं अभी बहुत हद तक ठीक हूं, लेकिन यात्रा नहीं कर रही हूं।'
38 साल की एमसी मैरीकॉम दूसरी बार ओलंपिक्स में हिस्सा लेंगी। मैरीकॉम ने कहा, 'मैं अभी दिल्ली में हूं और यही ट्रेनिंग करूंगी। ट्रेनिंग के लिए विदेश की यात्रा के बारे में अगले साल सोचेंगे जब उम्मीद है कि कोविड-19 वैक्सीन आ जाएगी।'
एमसी मैरीकॉम के अलावा दो मुक्केबाज नहीं जाएंगे
कुल 28 मुक्केबाजों का दल जिसमें 10 पुरुष, 6 महिलाएं और सपोर्ट स्टाफ शामिल है। सरकार ने इसे मंजूरी दी और इसमें 1.31 करोड़ रुपए का खर्चा आने की उम्मीद है। इस दौरे में 9 ओलंपिक संभावित में से 6 मुक्केबाज जाएंगे। इसमें अमित पंघाल (52 किग्रा), आशीष कुमार (75 किग्रा), सतीश कुमार (+91 किग्रा), सिमरनजीत कौर (60 किग्रा), लवलीना बोर्गोहेन (69 किग्रा) और पूजा रानी (75 किग्रा) शामिल होंगे।
मैरीकॉम के अलावा विकास कृष्ण (69 किग्रा) और मनीष कौशिक (63 किग्रा) भी इस दौरे में शामिल नहीं होंगे। विकास अमेरिका में ट्रेनिंग कर रहे हैं। मनीष चोट से उबर रहे हैं। एमसी मैरीकॉम डेंगू से ठीक हो रही हैं। भारतीय मुक्केबाजी दल 15 अक्टूबर से 5 दिसंबर तक के लिए इटली का दौरा करेगी।
फ्रांस में 28 से 30 अक्टूबर तक होने वाले टूर्नामेंट में 13 मुक्केबाज हिस्सा लेंगे। भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने अपने बयान में कहा, 'चार इवेंट्स (पुरुषों के 57 किग्रा, 81 किग्रा, 91 किग्रा और महिलाओं का 57 किग्रा) में भारत को ओलंपिक कोटा हासिल करना है। सभी मुक्केबाज यात्रा करने वाले दल का हिस्सा होंगे।' इन्हें 8 पुरुष और चार महिला मुक्केबाजों, कोच व सपोर्ट स्टाफ का साथ मिलेगा।
विश्व चैंपियनशिप की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट मुक्केबाज लवलीना बोर्गोहेन ने कहा, 'यह अच्छी बात है कि हमें दोबारा प्रतियोगिता का एहसास होगा। मैं इसको लेकर काफी उत्साहित हूं। ओलंपिक्स से 10 महीने पहले यूरोपीय विरोधियों के खिलाफ स्पर्धा से काफी मदद मिलेगी।' बता दें कि लॉकडाउन पाबंदी में राहत मिलने के बाद मुक्केबाज पटियाला में बायो-बबल में ट्रेनिंग कर रहे हैं। हालांकि, उन्हें रिंग में ट्रेनिंग करने की अनुमति नहीं मिली है।